यह है मामला कभी यहां दो एकम दो और दो दूनी चार। ए फॉर एप्पल और अ, आ… जैसी आवाजें सुनाई देती थी। आज ये भूत बंगले बन गए हैं। यह सन्नाटा एकीकरण के कारण पसरा है। गत तीन वर्ष में जोधपुर संभाग में ७३२ स्कूल एकीकरण के कारण बंद हो गए। इन स्कूलों को दूसरी स्कूलों में शिफ्ट कर दिया गया। अरबों की संपत्ति के स्कूल शिक्षा विभाग के हैं। हालांकि इनका अब क्या उपयोग होगा, ये बात आने वाला वक्त ही बता पाएगा। यह बात शिक्षा विभाग के जारी ताजा आंकड़ों में सामने आई हैं। जोधपुर जिले की बात करें तो लूणी, बिलाड़ा, शेरगढ़, बालेसर, ओसियां, बावड़ी, बाप व लोहावट क्षेत्र में कई स्कूल भवन खाली पड़े हैं, जिनका वर्तमान में कोई उपयोग नहीं है।
कार्यालय शिक्षा विभाग की ये रिपोर्ट अनुसार कुछेक जगह खुल गए कार्यालय शिक्षा विभाग की रिपोर्ट अनुसार जालोर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय सिलावटों का बास में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय खुल गया। जैसलमेर की राप्रावि सूली डूंगर में कार्यालय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी विभाग, जैसलमेर में राउप्रावि इगांनप में जिला आर्गेनाइजर हिन्दुस्तान स्काउट्स एंड गाइड, जोधपुर के राप्रावि तापी बावड़ी में बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय, जोधपुर के फलोदी के राप्रावि मालियों का बंधा में राउप्रावि संस्कृत खोला गया है। बाड़मेर में २०६ स्कूल बिना काम की सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो एकीकरण के बाद जोधपुर संभाग के बाड़मेर जिले में सर्वाधिक स्कूल खाली हुए।
यहां २०६ स्कूलों को एकीकरण के कारण दूसरी स्कूलों में मर्ज किया गया। ये वे स्कूल थे, जहां नामांकन कम था, आसपास में और भी कई स्कूल चल रहे थे। एेसे में इन स्कूलों को वहां शिफ्ट कर दिया गया। जानिए कहां-कितने स्कूल खाली जिले नाम – इतने भवन खाली जोधपुर – ५८ जैसलमेर – १६४ पाली – १२३ जालोर – १६९ बाड़मेर – २०६ सिरोही – १२ इनका कहना है कुछ खाली पड़े स्कूल भवन अन्य विभाग को दिए जा रहे हैं। इसमें एसडीएमसी के माध्यम से देने का प्रस्ताव बनाया जाता है।
– श्यामसुंदर सोलंकी, उपनिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा, जोधपुर मंडलजोधपुर.