गौरतलब है कि राज्य सरकार ने सेनेटाइजर की कालाबाजारी को देखते हुए पिछले पखवाड़े दो सौ मिली सेनेटाइजर की कीमत सौ रुपए तय की थी, लेकिन वास्तव में बाजार में 100 मिली सेनेटाइजर दो सौ रुपए में मिल रहा है। जीएसएम के हैंड सेनेटाइज के बाजार में आने से सेनेटाइजर की किल्लत समाप्त हो जाएगी।
पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने जोधपुर सहित प्रदेश के पांच जिलों में स्थित जीएसएम को हैंड सेनेटाइजर बनाने के निर्देश दिए थे। एक सप्ताह में मंडोर स्थित जीएसएम ने हैंडसेनेटाइजर की 2 लाख बोतलें तैयार कर दी। यहां अब प्रतिदिन 40 से 50 हजार बोतलें बन रही है। फिलहाल इनकी आपूर्ति संभाग के समस्त जिलों के सरकारी महकमों में कोरोना ड्यूटी में लगे कार्मिकों के लिए नि:शुल्क की जा रही है।
सरकारी कार्यालयों में हैंड सेनेटाइजर पर्याप्त रूप से पहुंच रहा है। अब राज्य सरकार इससे आम लोगों के लिए उपलब्ध करवाएगी ताकि लोगों को महंगा सेनेटाइजर नहीं खरीदना पड़े। जीएसएम ने एक्सट्रा नेचुरल एल्कोहल में हाइड्रोजन पराक्साइड, ग्लिसरिन और नींबू का एसेंस मिलाकर हैंड सेनेटाइजर तैयार किया है। यह हल्के हरे रंग का है।