ऑपरेशन मिलाप अभियान यूनिट प्रभारी व पुलिस निरीक्षक रेणू ठाकुर ने बताया कि ऑपरेशन मिलाप अभियान के तहत रेलवे स्टेशन के बाहर भीख मांगने वालों पर नजर रखी जा रही थी। इस बीच, हैड कांस्टेबल शेषाराम कोसाना को एक वृद्धा के बच्चे से भीख मंगवाने की सूचना मिली। पुलिस ने स्टेशन के बाहर दबिश देकर मूलत: मेरठ हाल जोधपुर में रेलवे स्टेशन के बाहर फुटपाथ निवासी जरीना बानो उर्फ मौसी (65) पत्नी शहबाज खान को पकड़ लिया। उसके कब्जे से जयपुर व बरेली के दो बच्चों को मुक्त करवाया गया। उदयमंदिर थाने में मानव तस्करी व बंधुआ मजदूरी का मामला दर्ज कर जरीना बानो को गिरफ्तार किया गया। जबकि बच्चों को बाल गृह भेजा गया है। भीख मांगने वालों में जरीना बानो मौसी के नाम से कुख्यात है।
घर भेजने को रुपए जमा करने के नाम मंगवाई भीख महिला के चंगुल से मुक्त हुए 13 वर्षीय बालक जयपुर के चाकसू थानान्तर्गत हरिपुरा की ढाणी निवासी तीन-चार महीने पहले घर से भागकर जोधपुर रेलवे स्टेशन आया था, जहां जरीना ने उसे पकड़ लिया। उसको घर भेजने का झांसा दिया व टिकट के लिए रुपए एकत्रित करने को कहा। पहले दिन खाना खिलाने के बाद उससे भीख मंगवानी शुरू कर दी। फिर जब रुपए जमा होने पर बालक ने घर भेजने की जिद की तो कहा कि अभी और रुपए चाहिए। इसलिए भीख मांगनी होगी। एेसा न करने पर उसकी टांगें तोडऩे की धमकी भी दी।
धमकी : मर गए हैं माता-पिता महिला के जाल से मुक्त होने वाला दूसरा बच्चा सिर्फ दस साल का है। कुछ कई महीने पहले घर से गायब होकर जोधपुर रेलवे स्टेशन आया था, जहां उसे जरीना बानो मिली। पहले वह उसे घर भेजने का झांसा देती रही। फिर उससे कहा कि उसके पिता व मां मर गए हैं। अब वही उसकी मां है। आरोपी महिला ने उसका खतना कर धर्म भी बदल दिया। अब उसे भी याद नहीं कि उसके माता-पिता कौन हैं और उसका घर कहां है? वह यहां कब और कैसे पहुंचा? फिलहाल दोनों को सीडब्ल्यूसी के माध्यम से बाल गृह भेजा गया है।