ओसियां ब्लॉक के तिंवरी में सीएमएचओ की जिला स्तरीय टीम एक साल में केवल एक ही झोलाछाप डॉक्टर पर कार्रवाई करने पहुंची, लेकिन उस पर भी कार्रवाई किए बगैर ही लौट गई। कुछ दिन बाद उसी झोलाछाप डॉक्टर ने वापस मरीज भी देखने शुरू कर दिए।
भारी पड़ रही चिकित्सा विभाग की लापरवाही शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी जाजम जमाकर बैठे नीम हकीमों का इलाज मरीजों पर भारी पड़ रहा है। चिकित्सा विभाग की अनदेखी के चलते झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम दवाई लिखने से लेकर इंजेक्शन लगाने और ड्रिप चढ़ाने तक का काम कर रहे है। सब कुछ आंखों के सामने होने के बावजूद झोलाछाप डॉक्टर चिकित्सा विभाग की पकड़ से दूर है। चिकित्सा विभाग के पास इन पर कार्रवाई करने के कोई आंकड़े मौजूद ही नहीं है।
परिजन आमिन ने बताया कि मथुरादास माथुर अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में दिखाने गए भतीजे का पांव देखकर ट्रोमा में मौजूद रेजीडेंट डॉक्टर ने कहा कि इंजेक्शन लगाने से पांव की यह स्थिति हुई है। झोलाछाप पर आरोप लगाते हुए परिजनों ने बताया कि उसे जब वापस दिखाने गए तो उसने मामला दबाने को कहा। दवाइयां भी वापस मांगी।