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जोधपुर में नहीं थम रहा झोलाछाप डॉक्ट्र्स का कारोबार, अब यूं मरीज की जान पर बन आया इलाज

locationजोधपुरPublished: Mar 30, 2018 12:50:51 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

वहां झोलाछाप ने इलाज के लिए पांच सौ रुपए लिए और अकबर के इंजेक्शन लगा दिया।

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कुणाल पुरोहित/जोधपुर. एक साल पहले सीएमएचओ की जिला स्तरीय टीम ने जिस झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की थी, उसी झोलाछाप ने एक बार फिर मरीज की जान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की। वाक्या ओसियां ब्लॉक के तिंवरी क्षेत्र का है। जहां बुधवार रात पांव में दाद की शिकायत के बाद अकबर तिंवरी बस स्टैंड के पास जोधपुर क्लिनिक में झोलाछाप प्रेम प्रकाश पाकिस्तानी को दिखाने गया। वहां झोलाछाप ने इलाज के लिए पांच सौ रुपए लिए और अकबर के इंजेक्शन लगा दिया। साथ में कुछ दवाइयां भी लिख डाली। रात को उसके पैर में सूजन बढ़ती गई। मरीज सुबह वापस जब झोलाछाप को दिखाने गया तो उसने पांच सौ रुपए वापस दे दिए और दवाइयां वापस लौटाने को कहा। लेकिन परिजन इस पर नहीं माने। उसे गुरुवार को दोपहर बाद एमडीएमएच के ट्रोमा सेंटर लेकर आए। वहां उसका उपचार चल रहा है। कार्रवाई के संबंध में प्रभारी गौतम पंडित से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।

एक साल में एक पकड़ा, उस पर भी कार्रवाई नहीं


ओसियां ब्लॉक के तिंवरी में सीएमएचओ की जिला स्तरीय टीम एक साल में केवल एक ही झोलाछाप डॉक्टर पर कार्रवाई करने पहुंची, लेकिन उस पर भी कार्रवाई किए बगैर ही लौट गई। कुछ दिन बाद उसी झोलाछाप डॉक्टर ने वापस मरीज भी देखने शुरू कर दिए।

भारी पड़ रही चिकित्सा विभाग की लापरवाही

शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी जाजम जमाकर बैठे नीम हकीमों का इलाज मरीजों पर भारी पड़ रहा है। चिकित्सा विभाग की अनदेखी के चलते झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम दवाई लिखने से लेकर इंजेक्शन लगाने और ड्रिप चढ़ाने तक का काम कर रहे है। सब कुछ आंखों के सामने होने के बावजूद झोलाछाप डॉक्टर चिकित्सा विभाग की पकड़ से दूर है। चिकित्सा विभाग के पास इन पर कार्रवाई करने के कोई आंकड़े मौजूद ही नहीं है।

डॉक्टर ने भी माना लगा गलत इंजेक्शन


परिजन आमिन ने बताया कि मथुरादास माथुर अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में दिखाने गए भतीजे का पांव देखकर ट्रोमा में मौजूद रेजीडेंट डॉक्टर ने कहा कि इंजेक्शन लगाने से पांव की यह स्थिति हुई है। झोलाछाप पर आरोप लगाते हुए परिजनों ने बताया कि उसे जब वापस दिखाने गए तो उसने मामला दबाने को कहा। दवाइयां भी वापस मांगी।
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