जोधपुर

पाक नागरिकों को वीजा में आवश्यक दस्तावेज पर शिक्षक के फर्जी हस्ताक्षर व सील

– वीजा के स्पॉन्सर प्रमाण पत्र पर तृतीय श्रेणी शिक्षक को व्याख्याता बताकर सत्यापित कराए- गृह मंत्रालय से मिले दस्तावेजों की सीआइडी जोन की जांच में गड़बड़ी उजागर- चार पर एफआइआर दर्ज, पाक विस्थापित साला-बहनोई भी शामिल

जोधपुरNov 26, 2021 / 12:26 am

Vikas Choudhary

पाक नागरिकों को वीजा में आवश्यक दस्तावेज पर शिक्षक के फर्जी हस्ताक्षर व सील

जोधपुर.
पाकिस्तान नागरिकों को भारतीय वीजा प्राप्त करने के लिए गारंटर की ओर से पेश किए जाने वाले स्पॉन्सर प्रमाण पत्रों में शिक्षक के फर्जी हस्ताक्षर व सील लगाई जा रही है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय से प्राप्त दस्तावेजों की सीआइडी जोन ने जांच की तो गड़बड़ी उजागर हो गई। सीआइडी जोन ने उदयमंदिर थाने में चार जनों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। इसमें पाक विस्थापित साला-बहनोई भी आरोपी हैं।
पुलिस के अनुसार सीआइडी जोन के पारपत्र व विदेशी अनुभाग इंटेलीजेंस के प्रभारी व निरीक्षक मोहनदास ने झंवर रोड पर अलकोसर नगर निवासी महाराज पुत्र हरको भील, रामनगर निवासी नरसिंह पुत्र धूड़ाराम, आदेश्वर नगर निवासी सोहैल पुत्र ताराचंद रोहानी व सिरनजीत उर्फ अशोक पुत्र मोहनलाल के खिलाफ धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेज से वीजा बनाने के दस्तावेज सत्यापित करने का मामला दर्ज कराया। उप निरीक्षक सोहनलाल जांच कर रहे हैं।
यह है वीजा आवेदन की प्रक्रिया
पाक नागरिक को भारत जाने के लिए भारतीय वीजा आवेदन में भारतीय रिश्तेदार/भारतीय गारंटर का उल्लेख करना होता है। गारंटर को निर्धारित प्रफॉर्मा वाले स्पॉन्सर प्रमाण पत्र पर राजपत्रित अधिकारी के साइन व सील लगाकर पाक नागरिक को भेजने होते हैं। उसके आधार पर भारतीय उच्चायोग में वीजा आवेदन पेश किए जाते हैं। गारंटर संबंधी दस्तावेज जांच के लिए गृह मंत्रालय की ओर से सीआइडी जोन को भेजे जाते हैं। जांच रिपोर्ट ऑनलाइन जमा कराई जाती है।
तृतीय ग्रेड शिक्षक को व्याख्याता बता सत्यापित कराए
पाक नागरिक घमन लाल, रमती, हमालती, देवप्रकाश केवल, पुष्पा कुमारी, आशा कुमारी, राजकुमार व लछमी के स्पॉन्सर प्रमाण पत्र में महाराज पुत्र हरको भील और प्रीतम व गौतमराम का नरसिंह पुत्र धूड़ाराम गारंटर था। इन दोनों के स्पॉन्सर प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, आवास प्रमाण पत्र आदि की जांच की गई। सत्यापित करने वाले राजपत्रित अधिकारी के तौर पर भदवासिया की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के व्याख्याता गौतम पुरी गोस्वामी का नाम था। स्थानीय गारंट की फोटो सत्यापित कर साइन व सील लगी थी। गौतमपुरी से पूछताछ की गई तो उसने एेसे किसी सत्यापन करने से इनकार किया। वह एेसे गारंटरों को जानता तक नहीं था। उसने खुद के भड़ला नगर में पंवारों की ढाणी की सरकारी स्कूल में तृतीय श्रेणी शिक्षक होने का परिचय पत्र दिखाया। वह बतौर राजपत्रित अधिकारी के सत्यापन करने को अधिकृत नहीं था।
पांच-पांच सौ रुपए में दस्तावेज तैयार कराए
जांच में सामने आया कि कोर्ट परिसर में बतौर कम्प्यूटर ऑपरेटर सोहैल व चिरंजीव उर्फ अशोक ने कूटरचित दस्तावेज तैयार किए थे। धरम पुत्र किस्तूरो ने ५०० रुपए प्रति पासपोर्ट के हिसाब से ६५०० रुपए दिए थे। नरसिंह ने चिरंजीव को एक हजार रुपए दिए थे।
एक भारतीय नागरिक बना, दूसरा एसीबी का आरोपी
आरोपी सोहैल व चिरंजीव साला-बहनोई हैं। सोहैल को भारतीय नागरिकता मिली हुई है। चिरंजीव अभी पाक नागरिक है। बतौर एजेंट पाक विस्थापितों के वीजा संबंधी कार्य करने की एवज में रुपए लेने पर एसीबी ने चिरंजीव को गिरफ्तार किया था। वह जमानत पर है।

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