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कृष्ण, पाश्र्वनाथ और शिवालय का अनूठा संगम है जोधपुर का मुहताजी मंदिर, देता है सौहाद्र्र का उदाहरण

locationजोधपुरPublished: Jul 24, 2019 01:07:48 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

नागौरीगेट के बाहर सर्कल के सामने स्थित मुहताजी मंदिर सनातन धर्म और जैन धर्म के बीच समन्वय और सौहाद्र्र का अनूठा उदाहरण है। सनातन धर्म एवं जैन तीर्थंकरों वाला यह मंदिर विभिन्न धर्म सम्प्रदायों में एक दूसरे के प्रति सम्मान का साक्ष्य प्रस्तुत करता है।

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कृष्ण, पाश्र्वनाथ और शिवालय का अनूठा संगम है जोधपुर का मुहताजी मंदिर, देता है सौहाद्र्र का उदाहरण

जोधपुर. नागौरीगेट के बाहर सर्कल के सामने स्थित मुहताजी मंदिर सनातन धर्म और जैन धर्म के बीच समन्वय और सौहाद्र्र का अनूठा उदाहरण है। सनातन धर्म एवं जैन तीर्थंकरों वाला यह मंदिर विभिन्न धर्म सम्प्रदायों में एक दूसरे के प्रति सम्मान का साक्ष्य प्रस्तुत करता है। मुहताजी मंदिर परिसर में दो हनुमान मूर्तियां, नाकोड़ा भैरव, सरस्वती, पद्मावती, शिव परिवार, बैछराज माताजी, गोवद्र्धनाथ, श्रीनाथ की मूर्तियां भी हैं।
मंदिर के विशाल चौक में संगमरमर के चबूतरे पर निर्मित मंदिर के दांयी ओर मूलनायक नीलवर्ण पाश्र्वनाथ भगवान का मंदिर है तो बांयी ओर वैष्णव मंदिरों व शिवालय गंगेश्वर महादेव है जिसमें शिव परिवार के विग्रह है। श्रावण मास में भक्तजन अभिषेक करते हैं। मंदिर के भीतर मुख्य गर्भगृह में भगवान पाŸवनाथ की कलात्मक प्रतिमा तीन फीट ऊंचे सिंहासन पर विराजित है।
मंदिर का निर्माण चार भाइयों मुहता मुकनचंद, समरथमल, लालचंद व कुंदनमल ने 158 साल पूर्व करवाया था। कहा जाता है एक बार जोधपुर महाराजा तख्तसिंह मंदिर में पधारे तब उनके निर्देश से परिसर में वैष्णव मंदिरों का निर्माण किया गया। मुहताजी मंदिर का संचालन करने वाले ट्रस्ट के सचिव राजेश मेहता ने बताया कि नीलवर्ण पाŸवनाथ की प्रगट प्रभावी मूर्तियां देश भर में मुहताजी मंदिर सहित केवल कुछेक जगहों पर ही प्रतिष्ठित है।
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