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जोधपुर

भूजल की अनुमति के लिए तरसते किसान

– भूजल उपयोग के लिए जारी गाइडलाइन अब तक नहीं हुई प्रभावी
– मामला एनजीटी में, 23 अगस्त को होगी सुनवाई

जोधपुरJul 23, 2019 / 09:47 pm

Amit Dave

jodhpur

भूजल की अनुमति के लिए तरसते किसान

जोधपुर।

शहर में भूजल की समस्या पुरानी है और बढ़ते भूजल को व्यर्थ बहाया जा रहा है, लेकिन जोधपुर शहर में सब्जी व हरा चारा उत्पादन की सिंचाइ के लिए कुआं खोदने की अनुमति के लिए किसान तरस रहे है। केन्द्रीय भूजल बोर्ड की ओर से गत 12 दिसम्बर को कृषि सिंचाई के लिए भूजल उपयोग की छूट दी गई थी। इससे किसानों को खेती करने के लिए भूजल उपयोग के लिए उम्मीद जगी थी। भूजल उपयोग के लिए जारी गाइडलाइन १ माह बाद भी प्रभावी नहीं होने की वजह से किसानों में निराशा है। इसकी वजह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में भूजल उपयोग के लिए केन्द्र की गाइडलाइन पर सुनवाई का टलना है। एनजीटी में 19 जुलाई को होने वाले मामले की सुनवाई 23 अगस्त तक टल गई। गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद पहली बार कृषि सिंचाई के लिए भूजल उपयोग के सम्बन्ध में स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए गए थे। जिसमें अलग-अलग राज्यो में प्रशासन अपने ढंग से ही कृषि क्षेत्र में भूजल के उपयोग की अनुमति देते थे। पेयजल, कृषि सिंचाई व औद्योगिक सहित सभी क्षेत्रों में भूजल के उपयोग के लिए एक ही गाइडलाइन में अलग-अलग दिशानिर्देश जारी किए गए थे। इसको लेकर एनजीटी ने शैलेशसिंह बनाम होटल हॉलिडे रीजेंसी मुरादाबाद मामले की सुनवाई के दौरान गाइडलाइन पर आगामी आदेश तक स्टे ऑर्डर जारी कर दिया था।

1 जून से प्रभावी होनी थी गाइडलाइन

एनजीटी ने अपने आदेश में गाइडलाइन में आवश्यक बदलाव करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय को विशेषज्ञ कमेटी बनाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने व उस रिपोर्ट के आधार पर गाइडलाइन में आवश्यक बदलाव कर नई गाइडलाइन एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। यह गाइडलाइन 1 जून को प्रभावी होनी थी।
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किसानों के लिए कृषि से साल भर रोजगार का साधन भूजल ही है। जिसके उपयोग की छूट के लिए केन्द्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन प्रभावी नहीं हुई है। केन्द्र सरकार से इसकी पैरवी कर किसानों को राहत दिलाने की मांग की है। नरेश व्यास, जिलाध्यक्ष
भारतीय किसान संघ

केन्द्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन पर आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि खत्म होने के बाद एनजीटी का स्टे ऑर्डर हैरान कर देना वाला है। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है।
तुलछाराम सिंवर, आंदोलन संयोजक

भारतीय किसान संघ

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