रायड़ा 6 हजार 800 में बिका यहां की कृषि उपज मंडी को राजस्थान की पहली सौंफ मंडी घोषित होने के साथ ही देशभर के व्यापारियों ने सौंफ खरीदी के लिए इस मंडी की ओर रुख किया है।
इन दिनों यहां जयपुर, केकड़ी के अलावा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से व्यापारी सौंफ खरीदी के लिए आए हुए हैं। अब तक आढतिये सौंफ खरीद कर अन्य मंडियों को भेजते थे लेकिन अब इन्हें सौंफ बेचने के लिए बाहर के व्यापारियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है, बल्कि बाहर के व्यापारी स्वयं यहां आकर बोली बढ़ा- चढ़ाकर खरीदी कर रहे हैं।
भावों के कारण किसान खुश किसानों को सिर्फ कपास,जीरा, सौंफ का ही अच्छा भाव नहीं मिल रहा है बल्कि अन्य फसलों की कीमत भी एमएसपी से अधिक है। गेहूं, चना, धनिया और सौंफ के दाम भी किसानों को अच्छे मिल रहे है। मंडियों में अधिक दाम मिलने से मारवाड़ के किसान उत्साहित हैं। इस बार उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक का भाव मिल रहा है, लेकिन डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण लागत बढ़ गई है।
जीरे का सीरिया कनेक्शन जीरा एक्सपोर्ट एसोसिएशन से जुड़े तेजस गांधी के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारे जिले की मांग पिछले चार-पांच वर्षों से लगातार बढ़ रही है। इस वर्ष 15 से 20 प्रतिशत अधिक जीरा एक्सपोर्ट हुआ है। देश से सबसे ज्यादा जीरा अमरीका, कनाडा और मध्यपूर्व के देशों में एक्सपोर्ट हो रहा है।
वैसे उनका मानना है कि हमारे यहां उत्पादित होने वाला 70 प्रतिशत जीरा स्थानीय बाजार में ही खप जाता है लेकिन 30 प्रतिशत एक्सपोर्ट होता है। गत वर्ष यहां से 90 हजार टन जीरा एक्सपोर्ट किया था और इस साल यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ेगा। वे बताते हैं कि सीरिया और तुर्की के राजनीतिक हालातों की वजह से वहां से जीरा बाजार में नहीं आ पा रहा है, जिसका यहां के किसानों को फायदा हो रहा है।