सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने रक्तस्राव नियंत्रण करने वाले एजेंट के रूप में फेरेक्राइलम जैल की महत्वपूर्ण भूमिका के म²ेनजर पिछले साल 18 दिसंबर को अधिसूचना जारी कर जैल को मोटर वाहनों की ‘प्राथमिक चिकित्सा किटÓ के लिए अनिवार्य किया था, लेकिन गत ३१ अगस्त को नई अधिसूचना जारी कर पूर्व की अधिसूचना में उल्लेखित फेरेक्राइलम जैल की अनिवार्यता को विलोपित कर दिया। इसे एक गैर सरकारी संगठन सेफ ड्राइव सेव लाइफ ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी थी।
अधिवक्ता विनय कोठारी ने बताया कि फेरेक्राइलम जैल को विभिन्न नैदानिक अध्ययनों और चिकित्सा अधिकारियों ने एक हेमोस्टेटिक एजेंट के रूप में मान्यता दी है। हाईकोर्ट के निर्देशों पर राज्य के परिवहन विभाग ने 27 नवंबर को एक आदेश जारी करते हुए 18 दिसंबर, 2019 की अधिसूचना पर अमल करने के निर्देश दिए हैं। इसके अनुसार अब पंजीकृत वाहनों के फ़स्र्ट ऐड किट में फेरेक्राइलम ज़ैल अनिवार्य रूप से शामिल करनी होगी।