एम्स में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में रविवार को निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा ने कहा कि प्रत्यारोपण की अनुमति उन्हें जनवरी माह में मिली थी। प्रोटोकॉल आधारित विभिन्न जांच के बाद 59 वर्षीय महिला ने अपनी 39 वर्षीय पुत्री को किडनी डोनेट करने के लिए योग्य पाई गई। डॉ. मिश्रा ने कहा कि किडनी प्रत्यारोपित कराने वाली महिला के स्वास्थ्य में दिनबदिन सुधार हो रहा है। सीरम क्रिएटनीन की मात्रा सामान्य स्तर पर आ गई है। उम्मीद है कि धीरे-धीरे और सुधार होगा।
इस ऑपरेशन में एम्स एनेस्थेसिया के सहआचार्य डॉ. निखिल कोठारी, डॉ. मनोज कमल अन्य, यूरोलॉजी सहआचार्य हिमांशु पांडे, गौतम चौधरी व अन्य, नेफ्रोलॉजी के सहायक आचार्य डॉ. नितिन बाजपेयी शामिल थे। संजय गांधी पीजीआई लखनऊ से यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. अनीष श्रीवास्तव, यूरोलॉजी सहायक आचार्य डॉ. उदयप्रतापतसिंह, नेफ्रोलॉजी से सहआचार्य डॉ. धर्मेन्द्र भदौरिया सहित अन्य चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ ने सहयोग किया। निदेशक डॉ. मिश्रा ने कहा कि एम्स धीरे-धीरे हर साल नई चिकित्सा सुविधाएं ला रहा है। सभी चिकित्सकों के सहयोग से पहला ट्रांसप्लांट सफल हुआ है।