scriptजोधपुर एम्स में हुआ पहला किडनी ट्रांसप्लांट, अनुमति के 7 माह बाद एक मां ने अपनी पुत्री को किडनी की दान | First kidney transplant in Jodhpur AIIMS | Patrika News

जोधपुर एम्स में हुआ पहला किडनी ट्रांसप्लांट, अनुमति के 7 माह बाद एक मां ने अपनी पुत्री को किडनी की दान

locationजोधपुरPublished: Aug 04, 2019 07:27:02 pm

– तीन दिन पहले हुआ था ट्रांसप्लांट (Transplant) – अनुमति के 7 माह बाद हुआ – निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा (Dr. Sanjeev Mishra) ने दी जानकारी

Story of kidney donors and receivers

Story of kidney donors and receivers

जोधपुर. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) (AIIMS) में किडनी प्रत्यारोपण (kidney transplant) की अनुमति (Permission) के 7 माह बाद पहला (First) किडनी ट्रांसप्लांट (kidney transplant) हुआ। इस ट्रांसप्लांट में एक मां ने अपनी पुत्री को किडनी दान की है। ये ट्रांसप्लांट संजय गांधी पीजीआई लखनऊ किडनी ट्रांसप्लांट टीम के साथ 2 अगस्त को किया गया।
एम्स में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में रविवार को निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा ने कहा कि प्रत्यारोपण की अनुमति उन्हें जनवरी माह में मिली थी। प्रोटोकॉल आधारित विभिन्न जांच के बाद 59 वर्षीय महिला ने अपनी 39 वर्षीय पुत्री को किडनी डोनेट करने के लिए योग्य पाई गई। डॉ. मिश्रा ने कहा कि किडनी प्रत्यारोपित कराने वाली महिला के स्वास्थ्य में दिनबदिन सुधार हो रहा है। सीरम क्रिएटनीन की मात्रा सामान्य स्तर पर आ गई है। उम्मीद है कि धीरे-धीरे और सुधार होगा।
इस ऑपरेशन में एम्स एनेस्थेसिया के सहआचार्य डॉ. निखिल कोठारी, डॉ. मनोज कमल अन्य, यूरोलॉजी सहआचार्य हिमांशु पांडे, गौतम चौधरी व अन्य, नेफ्रोलॉजी के सहायक आचार्य डॉ. नितिन बाजपेयी शामिल थे। संजय गांधी पीजीआई लखनऊ से यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. अनीष श्रीवास्तव, यूरोलॉजी सहायक आचार्य डॉ. उदयप्रतापतसिंह, नेफ्रोलॉजी से सहआचार्य डॉ. धर्मेन्द्र भदौरिया सहित अन्य चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ ने सहयोग किया। निदेशक डॉ. मिश्रा ने कहा कि एम्स धीरे-धीरे हर साल नई चिकित्सा सुविधाएं ला रहा है। सभी चिकित्सकों के सहयोग से पहला ट्रांसप्लांट सफल हुआ है।
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