फाल्गुनी बयार चलने के साथ ही प्रकृति भी नए रंगों से सराबोर होने लगी है।
फाल्गुन के मौसम में विभिन्न प्रकार के फूलों से अद्भुत छटा नजर आ रही है, मानो जैसे प्रकृति ने शृंगार किया हो।
जोधपुर में फूलों का सौंदर्य देखते ही बनता है।
यहां गुड़हल, बोगनबेलिया, गुलाब, पलाश आदि कितने ही प्रकार के फूलों का सौंदर्य आंखों को लुभा रहा है।
होली के रंग जहां बाजार में आ गए हैं। इससे पहले प्रकृति ने अपने रंग बिखरने शुरू कर दिए हैं।
पलाश के फूलों से आज भी होली के रंग बनाने की कला का निर्वाह किया जा रहा है।
वहीं कई प्रकार के गुड़हल के फूलों की सुंदरता बरबस ही अपनी ओर खींच लेती है।
प्रेम दिवस के आगमन के साथ ही गुलाब की बिक्री परवान पर थी। अब भी गुलाब की डिमांड कम नहीं हुई है।