जहां नवजात बच्चा एक पतले शॉल में लिपटा हुआ था। सिक्योरिटी गार्ड बच्चे को इमरजेंसी में ले गया। जहां चिकित्सकों ने उसकी जांच कर वार्ड में भर्ती कर लिया। तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वह जब सुबह टहलने के लिए अस्पताल परिसर के बाहर गया तो नर्सिंग हॉस्टल के पास बने कचरा पात्र में बच्चा एक पतले से शॉल में लिपटा हुआ सर्दी से ठिठुर रहा था। जिसे वह अस्पताल के अंदर ले आया और चिकित्सकों को सौंप दिया। नवजात को मिला सहारानवजात को अस्पताल प्रशासन ने बच्चा वार्ड में भर्ती कर लिया था। जब इसका पता लव कुश संस्थान को चला तो उन्होंने आवेदन प्रक्रिया पूरी कर बच्चे को अपने वार्ड में भर्ती कर लिया। इसके बाद अब नवजात बच्चे की देखभाल लव कुश संस्थान करेगी।सामान्य स्थिति में २.७ किलो का नवजात सुबह तकरीबन साढ़े पांच बजे कोई बच्चे को कचरा पात्र में शॉल में लिपटा छोड़कर चले गए थे। जिसे सिक्योरिटी गार्ड ने उठाकर अस्पताल में भर्ती करवाया। पहले वह बच्चा वार्ड में भर्ती था, लेकिन अब उस बच्चे को लव कुश संस्थान ने ले लिया है। बच्चा २.७ किलो का है। अब उसकी हालत सामान्य है। डॉ.रंजना देसाई, अधीक्षक, उम्मेद अस्पताल
जोधपुर. उम्मेद अस्पताल में गुरुवार मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना घटी। परिजनों ने दो दिन के नवजात को अस्पताल परिसर के बाहर बने कचरा पात्र में छोड़ दिया और चले गए। यह घटना सुबह लगभग साढ़े पांच बजे नर्सिंग हॉस्टल के बाहर की है। इसके कुछ देर बात ही अस्पताल में ड्यूटी कर रहा सिक्योरिटी गार्ड बाहर आया। तब उसने बच्चे के रोने की आवाज सुनी। इसके बाद उसने इधर उधर नजरें दौड़ाई, लेकिन कोई नहीं दिखा। इसके बाद सिक्योरिटी गार्ड कचरा पात्र के पास गया।