अब मवेशी भी इंसानों की तरह चखेंगे सलाद का स्वाद, नीदरलैंड्स मॉडल पर राज्य में होगा उत्पादन इंडियन ऑयल के सालावास डिपो से रेलवे, रोडवेज, आर्मी सहित कई सरकारी विभागों को बड़ी मात्रा में ईंधन की आपूर्ति की जाती है। आपूर्ति के लिए ट्रांसपोर्टर्स का टेण्डर किया जाता है। आबूरोड में रेलवे का बड़ा डिपो है, जहां बड़ी मात्रा में सालावास डिपो से डीजल की आपूर्ति होती है। गत दिसम्बर-जनवरी महीने में वहां कुछ ट्रांसपोर्टर ने डीजल आपूर्ति में गड़बड़ी कर दी।
राजस्थान में 3 साल में 1794 को लील गया करंट, करोड़ों के मुआवजे के बाद भी नहीं सुधर रहा तंत्र तीन टैकरों को किया है ब्लैक लिस्ट टैंकर की क्षमता 12 हजार और 20 हजार लीटर होती है। टैंकर चालकों ने इसमें 500 से 1000 लीटर डीजल चुराकर आपूर्ति की। रेलवे ने अपने अंदरुनी जांच में यह चोरी पकड़ ली। रेलवे की शिकायत पर इंडियन ऑयल सालावास टर्मिनल के उप महाप्रबंधक अखिलेश गुप्ता ने जांच कमेटी गठित की। जांच में शेखावत ट्रांसपोर्ट कम्पनी और सैनिक ऑटोमोबाइल के तीन टैंकरों की ओर से आपूर्ति में गड़बड़ी की पुष्टि हुई। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर तीनों टैंकरों को ब्लैक लिस्ट कर दिया।
बीकानेर, हनुमानगढ़ पी रहे हैं जोधपुर का पानी! ट्रांसपोर्ट कम्पनी ब्लैक लिस्ट का है नियम इंडियन ऑयल सूत्रों के मुताबिक ईंधन आपूर्ति में घपला होने पर संबंधित ट्रांसपोर्ट कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करने का प्रावधान है, लेकिन आबूरोड रेलवे डिपो के मामले में केवल टैंकरों को ब्लैक लिस्ट करके ट्रांसपोर्टरों को बचाने की कोशिश की गई। वैसे भी ट्रांसपोर्टरों के पास 50 से 100 टैंकर होते हैं। अगर उनकी दो-तीन गाड़ी ब्लैक लिस्ट भी हो जाती है तो भी उनको फर्क पडऩे वाला नहीं है। इसके अलावा ट्रांसपोर्टर एक-दूसरे के टैंकरों को भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
अब मिर्च-मेथी में नहीं लगेगी फंगस, किसानों की आय बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी ये तकनीक हमने तो जांच करके रिपोर्ट भेज दी हमारी जांच में दो ट्रांसपोर्टर के तीन टैंकर कम आपूर्ति के दोषी मिले। हमने अपनी जांच रिपोर्ट जयपुर स्थित आईओसी मुख्यालय भिजवा दी है। आगे की कार्यवाही अब वे ही करेंगे।
अखिलेश गुप्ता, उप महाप्रबंधक, आईओसी सालावास टर्मिनल जोधपुर के 90 फीसदी मैरिज हॉल हैं अवैध, यहां बहुमंजिला इमारतों में नहीं पार्किंग की व्यवस्था इनके लिए मामला ही उपयोग नहीं हमारे पास एेसे कई मामले आते हैं। मुझे इसकी जानकारी नहीं है और न ही इस केस की फाइल मेरे सामने है।
सुनील माथुर, कार्यकारी निदेशक, आईओसी जयपुर