जोधपुर किला रोड सिंघोडियों की बारी के पास महादेव अमरनाथ एवं नवग्रह मन्दिर के प्रांगण में उच्छिष्ट गणपति का मंदिर है जो साल में एक बार ही दर्शनार्थियों के लिए खोला जाता है। मंदिर में उच्छिष्ट गणपति की मूर्ति स्थापित है । जिसके दर्शन पट साल में केवल एक दिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी गणेश चतुर्थी ganesh chaturthi को सूर्यास्त पश्चात् ही खोले जाते है और दूसरे दिन सुबह पट बंद कर दिए जाते है । मंदिर के कमलेश दवे और अजय दवे ने बताया कि कोरोनाकाल के दो साल बाद दर्शनार्थी इस बार 31 अगस्त को शाम पांच बजे से 1 सितम्बर को सुबह सात बजे तक दर्शन कर सकेंगे। इस बार मंदिर में 51 हजार लड्डुओं का भोग लगेगा। मंदिर पट खोलने से पूर्व 51 हजार आहूतियां देकर देश में खुशहाली की प्रार्थना की जाएगी।
लगती हैं कतारें
साल में एक बार सिर्फ 14 घंटे के लिए यह मंदिर खुलता है तो लम्बी कतारें लगती है। रातभर लोग कतार में लग कर दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हैं। हजारों की संख्या में लोग इस एक दिन में दर्शन करते हैं।
लगती हैं कतारें
साल में एक बार सिर्फ 14 घंटे के लिए यह मंदिर खुलता है तो लम्बी कतारें लगती है। रातभर लोग कतार में लग कर दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हैं। हजारों की संख्या में लोग इस एक दिन में दर्शन करते हैं।
शीतला माता मंदिर प्रांगण में अष्ट विनायक
नागोरीगेट के बाहर कागा के प्राचीन शीतला माता के मन्दिर प्रांगण में अष्टविनायक की नयनाभिराम मूर्ति प्रतिष्ठित है। मंदिर ट्रस्ट के ब्रह्मलीन अध्यक्ष व पूर्व विधायक माधोसिंह कच्छवाह ने एक दशक पूर्व विधिवत गणपति और रिदि्ध -सिदि्ध विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा करवाई थी। मंदिर में गणपति का नियमित पूजन होता है और हर साल गणेश चतुर्थी को विशेष शृंगार किया जाता है। मंदिर से सटे प्राचीन मन्दिर में शीतला माता, ओरी माता और अचपड़ा माताजी की प्रतिमाएं भी स्थापित है । हर साल चैत्र की अष्टमी को मारवाड़ का प्रमुख कागा मेला लगता है।
नागोरीगेट के बाहर कागा के प्राचीन शीतला माता के मन्दिर प्रांगण में अष्टविनायक की नयनाभिराम मूर्ति प्रतिष्ठित है। मंदिर ट्रस्ट के ब्रह्मलीन अध्यक्ष व पूर्व विधायक माधोसिंह कच्छवाह ने एक दशक पूर्व विधिवत गणपति और रिदि्ध -सिदि्ध विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा करवाई थी। मंदिर में गणपति का नियमित पूजन होता है और हर साल गणेश चतुर्थी को विशेष शृंगार किया जाता है। मंदिर से सटे प्राचीन मन्दिर में शीतला माता, ओरी माता और अचपड़ा माताजी की प्रतिमाएं भी स्थापित है । हर साल चैत्र की अष्टमी को मारवाड़ का प्रमुख कागा मेला लगता है।