scriptबच्चों को कैमिकल सोल्युशन सुंघा कर मंगवाते थे भीख | Gang leader gave chemical solution to the children for begging | Patrika News

बच्चों को कैमिकल सोल्युशन सुंघा कर मंगवाते थे भीख

locationजोधपुरPublished: May 18, 2017 08:02:00 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

जोधपुर रेलवे स्टेशन पर बच्चों से भीख मंगवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस सिलसिले में मेरठ की मौसी ‘मौसीÓ और उसके मददगार को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने भीख मांग रही भरतपुर की बालिका व बालक सहित छह बच्चों को उनके कब्जे से छुड़ाया है।

zarina bano

zarina bano

रेलवे स्टेशन और आस-पास लावारिस मिलने वाले बच्चों से भीख मंगवाने वाला रैकेट सक्रिय है। इसमें शामिल एक वृद्ध घर से भाग कर आने वाले बच्चों को पकड़ कर मौसी को सौंप देता है। फिर एक अन्य व्यक्ति इन बच्चों को कैमिकल सोल्युशन सुंघा कर उन्हें नशे में कर देता और भीख मंगवाता है। पुलिस की मानव तस्करी यूनिट (पूर्व) व उदयमंदिर थाना पुलिस ने बुधवार को इन दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर भीख मांग रही बालिका सहित छह बच्चों को मुक्त करवा कर बाल कल्याण समिति को सौंपा। जबकि ‘मौसी को रिमाण्ड पर लिया गया है।
कुछ और व्यक्ति भी सक्रिय

यूनिट की प्रभारी व निरीक्षक रेणु ठाकुर ने बताया कि बच्चों से भीख मंगवाने वाले गिरोह की सरगना जरीना बानो के साथ कुछ और व्यक्ति भी सक्रिय हैं। पुलिस ने रेलवे स्टेशन के आस-पास दबिशें देकर मौसी के सहयोगी मेरठ निवासी अशरफ व सोजत निवासी प्रेमकिशन अग्रवाल को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से छह व तेरह साल के दो बच्चे तथा नौ साल की बालिका को मुक्त कराया गया। वहीं, भीख मांग रहे तीन अन्य बच्चों को भी छुड़ा कर बाल कल्याण समिति को सौंपा गया है। उधर, मेरठ निवासी जरीना बानो (मौसी) को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे एक दिन के रिमाण्ड पर भेजने के निर्देश दिए गए।
नौ साल की बालिका व छह साल का बालक 

पुलिस का कहना है कि अशरफ व प्रेमकिशन की चंगुल से मुक्त नौ साल की बालिका व छह साल का बालक भरतपुर के रहने वाले हैं। एक-डेढ़ वर्ष पहले दोनों साथ ही जोधपुर आए थे। लावारिस घूमते देख अशरफ ने उन्हें पकड़ लिया था और बहला-फुसला कर मौसी तक ले गया था। दोनों को अपने-अपने पिता के नाम तो याद हैं, लेकिन पता भूल चुके हैं। जबकि तेरह साल का बच्चा अहमदाबाद का रहने वाला बताया जाता है।
हर दो घंटे में चाहिए दम

गिरफ्त में आने वाला प्रेम किशन प्लास्टिक की बोतल में औद्योगिक उपयोग वाला कैमिकल सोल्युशन रखता है जो लावारिस मिलने वाले बच्चों को सुंघाया जाता है, जिसे सूंघते ही बच्चों का दिमाग सुन्न व सोचने-समझने की शक्ति शून्य हो जाती है। भीख मांगने वाले बच्चे इसे दम कहते हैं। हर दो-तीन घंटे में इन बच्चों को दम की जरूरत होती है। जिसे बच्चों को दस-बीस रुपए में रुमाल पर लगा दिया जाता है। साथ ही ये बच्चे ब्रेड पर लगा कर खाते भी हैं। भीख से मिलने वाली राशि दम में उड़ जाती है।
मौसी चलने फिरने में अक्षम 

बच्चों से भीख मंगवाने वाली मौसी चलने फिरने में अक्षम है। अशरफ उसकी पूरी मदद करता है, जो खुद को मौसी का पुत्र बताता है। वह न सिर्फ लावारिस नाबालिग बच्चों को पकड कर लाता है, बल्कि भीख मांगने के लिए निकलने वाले बच्चों पर पूरी नजर भी रखता है।

 


  •  


    loksabha entry point

    ट्रेंडिंग वीडियो