scriptजोधपुर में बन सकता है देश का पहला जियो हैरिटेज पार्क | Geo heritage site in India: Jodhpur may be lead | Patrika News

जोधपुर में बन सकता है देश का पहला जियो हैरिटेज पार्क

locationजोधपुरPublished: Jul 18, 2019 01:28:08 pm

Geo heritage site in Rajasthan
– विश्व में 149 जियो पार्क, भारत में एक भी नहीं – 21 जुलाई को विश्व जियो हैरिटेज दिवस, मेहरानगढ़ में होगी जियो हैरिटेज फील्ड वॉक

मेहरानगढ़

रात में मशाल जलाकर किले में एक गीत के दृश्य शूट किए गए।

जोधपुर. विश्व जियो हैरिटेज दिवस 21 जुलाई को मनाया जाएगा। इस मौके पर मेहरानगढ़ से जियो हैरिटेज फील्ड वॉक आयोजित की जाएगी जो राव जोधा रॉक पार्क, हाथी नहर से होते हुए पारंपरिक जल स्त्रोत रानीसर-पदमसर तक जाएगी। राव जोधा रॉक पार्क को भारत का पहला जियो पार्क घोषित करने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। कुछ ही समय में संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को को केंद्र सरकार के जरिए डोजियर भेजा जाएगा, जिसके बाद यूनेस्को की टीम दौरा करेगी। इसके बाद इसके जियो पार्क का आधिकारिक रूप से दर्जा मिल जाएगा। विश्व में वर्तमान में 149 जियो हैरिटेज पार्क है लेकिन भारत में एक भी नहीं है।
सुबह 7.30 बजे शुरू होगी जियो वॉक

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के भू विज्ञान विभाग, इंटेक और मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में जियो हैरिटेज फील्ड वॉक का आयोजन किया जा रहा है। भू विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो सुरेश माथुर और ट्रस्ट के निदेशक करणी सिंह ने बुधवार को प्रेस वार्ता में बताया कि जियो वॉक सुबह 7.30 बजे मेहरानगढ़ पार्र्किंग स्थल से शुरू होगी, जिसमें स्कूल व कॉलेजों के छात्र छात्राओं के साथ कई गणमान्य लोग शामिल होंगे। जियो वॉक का उद्देश्य जियो हैरिटेज के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करना है।
क्या है जियो हैरिटैज

प्रो. माथुर ने बताया कि जियो हैरिटेज ऐसी चट्टानें, खनिज, अद्वितीय जीवाश्म विलक्षण भू-वैज्ञानिक संरचनाएं एवं विशिष्ट पत्थर द्वारा निर्मित प्राचीन इमारतें हैं जो हैरिटेज महत्व एवं भूगर्भवाद के लिए पर्यटकों को आकर्षित करती है। एक सर्वे में सामने आया कि विश्व के 26 प्रतिशत पर्यटक जियो पार्क देखना चाहते हैं। भारत में 32 राष्ट्रीय जियोलॉजिकल स्मारक है, जिसमें से दस राजस्थान में है और दो जोधपुर में है। जोधपुर में मेहरानगढ़ पहाड़ी का जियोलॉजी के परिपेक्ष्य में बहुत महत्व है। यहां 745 करोड़ वर्ष पहले ज्वालामुखी हुआ करते थे इसलिए ज्वालामुखी चट्टानों के साथ टेथिस सागर की सामुद्रिक चट्टानें भी यहां मिलती है।
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