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दिनोंदिन हाईटेंशन लाइनों की चपेट में आ रहे राज्यपक्षी गोडावण के अस्तित्व को यूं बचा रहे भगवान!

locationजोधपुरPublished: Jan 04, 2018 12:06:55 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

डेढ़ दशक से गोडावण की संख्या में लगातार निरंतर कमी हो रही है

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जोधपुर . राजस्थान के राज्य पक्षी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड ‘गोडावण’ का अस्तित्व अब जैसलमेर जिले में विभिन्न देवताओं के मंदिरों के ओरण क्षेत्र में ही बचा है। जैसलमेर और बाड़मेर जिले के करीब बाड़मेर-जैसलमेर के कुल ३१६२ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले राष्ट्रीय मरु उद्यान में पिछले डेढ़ दशक से गोडावण की संख्या में लगातार निरंतर कमी हो रही है। लगातार पलायन के चलते उद्यान परिसर के सम, सुदाश्री, सोकलिया, फूलिया, म्याजलार, खुड़ी और सत्तो आदि क्षेत्र में २० प्रतिशत से भी कम गोडावण बचे हैं। चार दशक पूर्व तक डीएनपी क्षेत्र में गोडावण की संख्या करीब १२६० थी, जो घट कर ४४ रह गई है।
डेजर्ट नेशनल पार्क में लगातार बढ़ती मानवीय हलचल और विकास के कारण गोडावण ने जैसलमेर जिले के रामदेवरा के पास पोकरण फायरिंग रेंज में स्थित मंदिरों के ओरण क्षेत्र को अपना ठिकाना बना लिया है, लेकिन वहां भी हाईटेंशन लाइनों और करीब दो हजार से अधिक विंड मिल कंपनियों की लगातार बढ़ती संख्या और सैन्य अभ्यास के धमाकों के बीच अपने वजूद की लड़ाई लडऩी पड़ रही है। हाईटेंशन लाइनों के कारण पिछले एक वर्ष में तीन गोडावण जान गंवा चुके हैं। गोडावण संरक्षण के लिए राज्य सरकार की ओर से २६ करोड़ की नई योजनाओं के क्रियान्वयन के बाद भी गोडावण की संख्या घटी है।
स्टेटस रिपोर्ट नहीं


गोडावण संरक्षण के लिए पिछले पांच साल में करोड़ों खर्च करने के बाद गोडावण की स्टेटस रिपोर्ट में जैसलमेर जिले में गोडावण की अधिकतम संख्या १६५ और न्यूनतम ५३ बताई गई है। वन विभाग और देश के सबसे बड़े इंस्टीट्यूट वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया की ओर से सर्वे के बाद वास्तविक संख्या पता नहीं चली है।
बर्ड डायवर्टर से मिल सकती है राहत

पक्षी विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह इलेक्ट्रिक की अंडरग्राउण्ड लाइनें प्लास्टिक के खोल से सुरक्षित रखने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। वही प्रक्रिया जमीन से ऊपर से प्रवाहित बिजली की लाइनों के लिए प्रयुक्त करना चाहिए। बर्ड डायवर्टर के साथ रात में चलने वाली पवन चक्कियों के पंखों पर रेडियम की पट्टियों का प्रयोग करने से पक्षी को अपनी उड़ान की राह बदलने में आसानी हो सकती है। हालांकि गोडावण का वजन २० से २५ किलो होने के कारण ज्यादा उड़ान नहीं भर पाता है।

पावर कम्पनियों की बैठक ११ को

राज्यपक्षी गोडावण के विचरण क्षेत्र में गुजरने वाली हाईटेंशन लाइनों, सभी पॉवर कंपनियों और राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम व डिस्कॉम अधिकारियों की संयुक्त बैठक ११ जनवरी को जोधपुर में बुलाई गई है।

-आरएस शेखावत, मुख्य वन संरक्षक जोधपुर संभाग, जोधपुर

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