इसी तरह अगले साल से लागू होने वाले रोस्टर के साथ भी हाईकोर्ट प्रशासन ने कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब दो साल से पुराने जिन मामलों में अधीनस्थ अदालतों का रिकॉर्ड तलब किया गया था और स्थगन आदेश प्रभाव में है, उन मामलों को सुनवाई योग्य मामलों से पहले सूचीबद्ध करने को कहा गया है।
वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं व बच्चे, दिव्यांग, बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े मामले सहित दस साल पुराने सभी श्रेणी के मामलों को प्राथमिकता से सुनवाई के लिए कहा गया है। जिन पुरानी आपराधिक अपीलों या याचिकाओं में आरोपी अभिरक्षा में है, उनकी अंतिम सुनवाई सर्वोच्च प्राथमिकता से होगी।
नई व्यवस्था के बाद यदि किसी दिन समयाभाव के चलते वाद सूची में सूचीबद्ध प्रकरण की सुनवाई नहीं हो पाती है तो अब उसकी सुनवाई अगले दिन की मुख्य वाद सूची से पहले होगी।
किसी प्रकरण में सुनवाई से पहले अगली तिथि लेने से के लिए संबंधित अधिवक्ता को कोर्ट क्लर्क तथा प्रतिवादी अधिवक्ता को पूर्व में लिखित में बताना होगा। मुख्य न्यायाधीश ने पुराने मामलों के निस्तारण को भी तरजीह देने के निर्देश दिए हैं, जिसकी अनुपालना में अब प्रत्येक दिन ऐसे मामले सूचीबद्ध होंगे।