यह है कायलाना की स्थिति
Kaylana में नहरी पानी पहुंचने से पहले महज 171 एमसीएफटी पानी ही बचा था। इसमें से यदि डेड स्टाेरेज का पानी निकाल दें तो शहर को सिर्फ तीन दिन और पानी पिलाया जा सकता था। ऐसे मे प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
Kaylana में नहरी पानी पहुंचने से पहले महज 171 एमसीएफटी पानी ही बचा था। इसमें से यदि डेड स्टाेरेज का पानी निकाल दें तो शहर को सिर्फ तीन दिन और पानी पिलाया जा सकता था। ऐसे मे प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
सात दिन का स्टाेरेज करने का प्लान
पानी पहुंचने के बाद भी शहरी जलाशयों में सात दिन का स्टोरेज करने का प्लान है। इसके बाद पेयजल सप्लाई में कुछ राहत दी जा सकती है। लेकिन अगले साल भी शहर में 60 दिन ही बड़ी नहरबंदी होगी। ऐसे में प्रत्येक 10 या 15 दिन में पेयजल सप्लाई का क्लोजर जारी रहेगा।
पानी पहुंचने के बाद भी शहरी जलाशयों में सात दिन का स्टोरेज करने का प्लान है। इसके बाद पेयजल सप्लाई में कुछ राहत दी जा सकती है। लेकिन अगले साल भी शहर में 60 दिन ही बड़ी नहरबंदी होगी। ऐसे में प्रत्येक 10 या 15 दिन में पेयजल सप्लाई का क्लोजर जारी रहेगा।
फैक्ट फाइल
– 65 दिन बाद पहुंचा पानी।
– 3 दिन का पानी बचा था कायलाना-तख्तसागर में।
– 72 घंटे की पेयजल सप्लाई व्यवस्था जारी रहेगी।
– अभी 100 क्यूसेक और फिर 250 क्यूसेक तक पहुंचेगा पानी। इनका कहना
नहरबंदी के बाद जोधपुर पानी पहुंचना सुखद है। जल्द ही पानी की गुणवत्ता और मात्रा की समीक्षा कर आगे सप्लाई का निर्णय करेंगे।
– हिमांशु गुप्ता, जिला कलक्टर जोधपुर।
– 65 दिन बाद पहुंचा पानी।
– 3 दिन का पानी बचा था कायलाना-तख्तसागर में।
– 72 घंटे की पेयजल सप्लाई व्यवस्था जारी रहेगी।
– अभी 100 क्यूसेक और फिर 250 क्यूसेक तक पहुंचेगा पानी। इनका कहना
नहरबंदी के बाद जोधपुर पानी पहुंचना सुखद है। जल्द ही पानी की गुणवत्ता और मात्रा की समीक्षा कर आगे सप्लाई का निर्णय करेंगे।
– हिमांशु गुप्ता, जिला कलक्टर जोधपुर।