नौ-ग्रहों के अनुसार हर कोण में अलग-अलग पौधे विश्वविद्यालय ने परिसर में १५ एकड़ में हर्बल गार्डन तैयार किया गया है। यहां औषधीय गुणों पर आधारित पौधे लगाए हंै। इनकी नियमित देखभाल हो रही है। यहां चार सौ से अधिक औषधीय गुणों के पेड़-पौधे है। साथ ही नवग्रह गार्डन भी बनाया है, जो अपने आप में अनूठा उदाहरण है। नवग्रह गार्डन में नौ ग्रहों के अनुसार अलग-अलग दिशाओं में अलग-अलग पौधे है। नवग्रह के अनुसार लगाए गए पौधों में सूर्य के लिए अर्क, चन्द्र-पलास, मंगल-खदिर, बुध-अपामार्ग, गुरु-अश्वत्थ, शुक्र-उदुम्बर, शनि-शनि, राहु-कुश एवं केतू के लिए कुश की पौध इस गार्डन में लगाई है।
हरयालो राजस्थान के तहत लगाए एक हजार पौधे
आयुर्वेद विश्वविद्यालय में राजस्थान पत्रिका के ‘हरयालो राजस्थानÓ अभियान के तहत गुरुवार को यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ आयुर्वेद के स्नातकोत्तर द्रव्यगुण विभाग, बालाजी कंस्ट्रक्शन कम्पनी एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के प्रयासों के तहत एक हजार पौधे लगाए गए। शुरुआत जेडीए चेयरमैन एवं आयुर्वेद विवि की चयन समिति सदस्य प्रो. महेन्द्र सिंह राठौड़ एवं कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा ने की। राठौड़ ने बताया कि पौधारोपण एक अच्छी पहल है। कुलपति प्रो. शर्मा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण अत्यावश्यक है। रसायनशाला के सामने करंज, नीम, शीशम एवं अन्य कई पौधे लगाए गए।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय में राजस्थान पत्रिका के ‘हरयालो राजस्थानÓ अभियान के तहत गुरुवार को यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ आयुर्वेद के स्नातकोत्तर द्रव्यगुण विभाग, बालाजी कंस्ट्रक्शन कम्पनी एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के प्रयासों के तहत एक हजार पौधे लगाए गए। शुरुआत जेडीए चेयरमैन एवं आयुर्वेद विवि की चयन समिति सदस्य प्रो. महेन्द्र सिंह राठौड़ एवं कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा ने की। राठौड़ ने बताया कि पौधारोपण एक अच्छी पहल है। कुलपति प्रो. शर्मा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण अत्यावश्यक है। रसायनशाला के सामने करंज, नीम, शीशम एवं अन्य कई पौधे लगाए गए।