राजस्थान हाईकोर्ट में सीजे प्रदीप नन्द्राजोग व जस्टिस पीएस भाटी की खंडपीठ ने जीएसटी ट्रिब्यूनल में न्यायिक सदस्यों की बजाय सिर्फ ब्यूरोकेटस को ही नियुक्त करने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका की सुनवाई आठ सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
खंडपीठ ने यह आदेाश याचिकाकर्ता अभिषेक चौपड़ा की जनहित याचिका पर सुनवाई में दिए। इस आशय की एक याचिका सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन होने के चलते अब इस मामले में आठ सप्ताह बाद सुनवाई होगी।
पूर्व में याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जीएसटी अथारिटी, केन्द्र सरकार व राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया था। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि जीएसटी व सीजीएसटी ट्रिब्यूनल में पीठासीन अधिकारी के पद पर सेवानिवृत्त न्यायाधीश की बजाय ब्यूरोकेटस को लगाया जा रहा है जो उचित नहीं है, क्योकि ट्रिब्यूनल में न्यायिक सदस्यों का होना आवश्यक है।
शहर में पेयजल वितरण को लेकर दायर जनहित याचिका में सुनवाई स्थगित जोधपुर
राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर शहर सहित क्षेत्र के गांवों में पेयजल वितरण समस्या को लेकर स्व प्रेरणा से दायर जनहित याचिका की सुनवाई कर रही सीजे प्रदीप नन्द्राजोग और जस्टिस पीएस भाटी की खंडपीठ ने सरकारी अधिवक्ता के आग्रह पर सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर शहर सहित क्षेत्र के गांवों में पेयजल वितरण समस्या को लेकर स्व प्रेरणा से दायर जनहित याचिका की सुनवाई कर रही सीजे प्रदीप नन्द्राजोग और जस्टिस पीएस भाटी की खंडपीठ ने सरकारी अधिवक्ता के आग्रह पर सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता की ओर से सीजे को भेजे गए पत्र व राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित समाचारों की कटिंग्स के आधार पर हाईकोर्ट ने स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर जनहित याचिका दायर करने के आदेश जारी किए थे।
पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट खंडपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव, पीएचईडी के प्रमुख शासन सचिव, जिला कलक्टर जोधपुर से शहर में तथा आसपास क्षेत्र के गांवों में पेयजल वितरण में असमानता व अशुद्धता के बारे में नोटिस जारी करते जवाब तलब किया था।