फैक्ट फाइल
– 3 साल से अटका है एच आकार ओवरब्रिज – 75 करोड़ है इसकी लागत
– 750 मीटर है कुल ओवरब्रिज की लम्बाई – 18425 वर्ग मीटर जमीन को लेकर था विवाद
– 3455808 लाइसेंस फीस इस भूमि के लिए जेडीए ने जमा करवाई है
– 3 साल से अटका है एच आकार ओवरब्रिज – 75 करोड़ है इसकी लागत
– 750 मीटर है कुल ओवरब्रिज की लम्बाई – 18425 वर्ग मीटर जमीन को लेकर था विवाद
– 3455808 लाइसेंस फीस इस भूमि के लिए जेडीए ने जमा करवाई है
– 7 करोड़ का काम होने के बाद बंद हो गया था निर्माण
– 2023 तक निर्माण पूरा करने का दावा है ——-
यह थी अड़चन जेडीए ने आरटीओ फाटक पर एच आकार ओवरब्रिज का निर्माण जब जुलाई 2018 में शुरू किया तो उसका एक भाग मुख्य जयपुर मार्ग पर भी बनना प्रस्तावित था। सैन्य जमीन नजदीक होने के कारण रक्षा मंत्रालय की ओर से इस पर आपत्ति की गई। इसके बाद कुछ पिलर आधे खड़े करने के बाद काम को रोक दिया गया। जिस पर विवाद था उस पर सेना ने अपना दावा ठोका तो जेडीए ने इसे सरकारी जमीन बताया।
– 2023 तक निर्माण पूरा करने का दावा है ——-
यह थी अड़चन जेडीए ने आरटीओ फाटक पर एच आकार ओवरब्रिज का निर्माण जब जुलाई 2018 में शुरू किया तो उसका एक भाग मुख्य जयपुर मार्ग पर भी बनना प्रस्तावित था। सैन्य जमीन नजदीक होने के कारण रक्षा मंत्रालय की ओर से इस पर आपत्ति की गई। इसके बाद कुछ पिलर आधे खड़े करने के बाद काम को रोक दिया गया। जिस पर विवाद था उस पर सेना ने अपना दावा ठोका तो जेडीए ने इसे सरकारी जमीन बताया।
ऐसे अटक गया मामला
– जुलाई 2018 में सबसे पहले सेना ने कार्य रुकवाया – कुछ समझाइश के बाद फिर शुरू हुआ तो सितम्बर 2018 में दूसरी बार रुकवाया गया।
– इस जमीन पर सेना ने अपना कब्जा व अधिकार बताया।
– जुलाई 2018 में सबसे पहले सेना ने कार्य रुकवाया – कुछ समझाइश के बाद फिर शुरू हुआ तो सितम्बर 2018 में दूसरी बार रुकवाया गया।
– इस जमीन पर सेना ने अपना कब्जा व अधिकार बताया।
– राजस्व रेकर्ड में बदलाव कर यह जमीन सरकार के नाम दर्ज की गई।
– लेकिन सेना ने यह मानने से इनकार कर दिया। – नवम्बर 2019 को तीसरी बार सेना ने इसका काम रुकवाया।
– सितम्बर 2020 को लाइसेंस बेसिस पर लेने के लिए प्रस्ताव भेजा गया।
– लेकिन सेना ने यह मानने से इनकार कर दिया। – नवम्बर 2019 को तीसरी बार सेना ने इसका काम रुकवाया।
– सितम्बर 2020 को लाइसेंस बेसिस पर लेने के लिए प्रस्ताव भेजा गया।
– जनवरी 2021 में सेना की ओर से लाइसेंस वर्किंग परमिशन दी गई।
– 34 लाख 55 हजार 808 रपुए लाइसेंस फीस के रूप में जून 2021 को स्थानांतरण किए गए। – 1 सितम्बर 2021 को अब हस्तांकरण व टेकनओवर एमओयू हस्ताक्षरित होकर आगे निर्माण का रास्ता खुला।
– 34 लाख 55 हजार 808 रपुए लाइसेंस फीस के रूप में जून 2021 को स्थानांतरण किए गए। – 1 सितम्बर 2021 को अब हस्तांकरण व टेकनओवर एमओयू हस्ताक्षरित होकर आगे निर्माण का रास्ता खुला।
यह निकला रास्ता
इस जमीन पर फिलहाल मालिकाना हक सेना का ही रहेगा। जेडीए को यह जमीन लाइसेंस बेस यानि किराये के रूप में मिली है। 18425 वर्ग मीटर की जमीन का वार्षिक 18425 रुपए किराया देना होगा। बुधवार को जेडीए की ओर से सचिव हरभान मीणा और सेना की ओर से स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर एम.एस यारनल की उपस्थिति में लाइसेंस पर दिए जाने का एमओयू हस्ताक्षरित हुआ।
इस जमीन पर फिलहाल मालिकाना हक सेना का ही रहेगा। जेडीए को यह जमीन लाइसेंस बेस यानि किराये के रूप में मिली है। 18425 वर्ग मीटर की जमीन का वार्षिक 18425 रुपए किराया देना होगा। बुधवार को जेडीए की ओर से सचिव हरभान मीणा और सेना की ओर से स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर एम.एस यारनल की उपस्थिति में लाइसेंस पर दिए जाने का एमओयू हस्ताक्षरित हुआ।