लखावत ने संस्थान में संग्रहित हस्तलिखित ग्रन्थों और बहियों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि संस्थान में अभिलेखीय सामग्री का विपुल भण्डार राष्ट्र की अमूल्य नीधि है। चौपासनी शिक्षा समिति के मानद् सचिव, प्रहलादसिंह राठौड़ ने बताया कि संस्थान में डिजीटलाईजेशन का कार्य द्रुत गति से चल रहा है। कार्य पूर्ण होने पर यहाँ कि पुरालेखीय सम्पदा का लाभ शोधार्थी एवं विद्वान पाठक उठा पाएंगे।
राजस्थानी शोध संस्थान,चौपासनी में राजस्थान धरोहर संरक्षण प्रोन्नति प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष औंकारसिंह लखावत ने डॉ. विक्रमसिंह भाटी स. निदेशक, राजस्थानी शोध संस्थान, चौपासनी की ओर से सम्पादित पुस्तक जोधपुर राज्य की हथ बही का लोकार्पण किया। जोधपुर राज्य की हथ बही के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यह बही न केवल जोधपुर बल्कि राजस्थान के इतिहास लेखन में महत्त्वपूर्ण है। इसमें मुख्यतः मारवाड़ के जागीरदारों की श्रेणीयां, अश्वों की जानकारियां, कर प्रणाली, अपराध एवं दण्ड के प्रसंग, रियासतों के आपसी सम्बन्धों पर कई महत्त्वपूर्ण जानकारियां मिलती हैं, जो राजस्थान के इतिहास लेखन में बहुत महत्त्वपूर्ण सिद्ध होंगी।