HANDICRAFT----हैण्डीक्राफ्ट: बंगाल के कीड़े ने किया हमारी साख पर हमला
जोधपुरPublished: Dec 24, 2021 11:08:39 pm
- जोधपुर की हैण्डीक्राफ्ट निर्यात उद्योग की साख दांव पर
- 100 करोड़ के ऑर्डर पर संशय
- विदेशी बायर्स ने 50 से अधिक कंटेनरो में आम की लकडी में कीड़े की शिकायत की


HANDICRAFT----हैण्डीक्राफ्ट: बंगाल के कीड़े ने किया हमारी साख पर हमला
जोधपुर।
विश्वविख्यात जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट निर्यात उद्योग के लिए आम की लकड़ी चिन्ता का विषय बनती जा रही है।विदेशी बायर्स ने जोधपुर से भेजे गए करीब 50 से अधिक कंटेनर्स में आम की लकड़ी के उत्पादों में कीड़े की शिकायत की है। परिणामस्वरूप निर्यातकों के भेजे गए करीब 100 करोड़ के ऑर्डर पर संशय नजर आ रहा है । इससे निर्यातकों को न केवल आर्थिक हानि हो रही है बल्कि जोधपुर की साख भी धूमिल हो रही है । वहीं आने वाले समय में जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट इंडस्ट्री को नकारात्मक परिणाम का सामना करना पड सकता है ।
----
बंगाल से आ रहा कीड़ा
यह समस्या अधिकतर बंगाल से आने वाली आम की लकड़ी में पाई जा रही है। निर्यातकों के अनुसार बंगाल की आम की लकड़ी उत्तर प्रदेश व गुजरात की आम की लकड़ी से सस्ती होने के कारण टिम्बर व्यवसाई बंगाल की लकड़ी खरीद लेते है । इस लकड़ी पर उचित केमिकल ट्रीटमेंट नहीं देने से लकड़ी में कीड़ें लगने व प्रोडक्ट से लकड़ी का पाउडऱ निकलने की समस्या आ रही है।
-----
विदेशी ग्राहक की आम की लकड़ी में कीड़ा होने की शिकायत से हैण्डीक्राफ्ट उद्योग पर असर पड़ेगा। टिम्बर ट्रेडर को ट्रीटमेंट के पैरामीटर के अनुसार लकड़ी का केमिकल ट्रीटमेंट, स्टैण्डर्ड मानक के अनुसार लकड़ी को सुखाने और लकड़ी को स्टोर करने की व्यवस्था करनी चाहिए।
राधेश्याम रंगा, वरिष्ठ निर्यातक व अध्यक्ष
जोधपुर टिम्बर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
--
सर्दियों में लकडिय़ों में कीड़ा लगने की समस्या कम होती है। फि र भी आम की लकड़ी में कीड़ा लगने की समस्या आम होती जा रही है । टिम्बर ट्रेडर एसोसिएशन से इस संबंध में जल्द ही समस्या को सुलझाने का संज्ञान दे चुके है।
डॉ भरत दिनेश, अध्यक्ष
जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन
-----
बंगाल के माल में वुडवर्म की समस्या है। बायर्स शिकायत कर रहे है, इससे निर्यात व हमारी साख प्रभावित हो रही है। इस वजह से पिछले छह माह में हमारे ऑर्डर आधे से कम हो गए है। टिम्बर ट्रेडर की ओर से लकड़ी का सही केमिकल ट्रीटमेंट नहीं नहीं किया जा रहा है। यहीं स्थिति रही तो धीरे-धीरे हमारा काम बंद हो जाएगा।
अरविन्द कालानी, एक्सपोर्टर
---