राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जोधपुर ने राज्य पक्षी गोडावण के संरक्षण के नाम पर करीब 22 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी इनकी संख्या लगातार घटने को गंभीरता से लिया है। जस्टिस संगीत लोढ़ा और जस्टिस दिनेश मेहता की खंडपीठ ने इस मामले में समाचार पत्रों में समय-समय पर प्रकाशित खबरों पर स्वप्रेरणा से संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर कर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 25 जनवरी तक जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में अधिवक्ता विकास बालिया को न्यायमित्र नियुक्त किया है।
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने इस मामले में सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित कर मुद्दा उठाया था। गोडावण की घटती संख्या को देखते हुए आठ वर्ष पहले सरकार ने इनके संरक्षण की परियोजना बनाई थी।
इसके दो वर्ष बाद फण्ड आने के बावजूद राज्य पक्षी गोडावण की संख्या ढाई सौ से घटकर 60-70 ही रह जाने पर कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई। खंडपीठ ने इस मामले में केंद्र सरकार के संजीत पुरोहित और राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह को नोटिस जारी कर 25 जनवरी तक जवाब तलब किया है।