scriptCovid-19 का असर अब भी पुलिस पर भारी, हाईकोर्ट ने पूछा ऐसा क्यों | HC asks, why police is still affected with Covid 19 | Patrika News

Covid-19 का असर अब भी पुलिस पर भारी, हाईकोर्ट ने पूछा ऐसा क्यों

locationजोधपुरPublished: Apr 28, 2022 11:48:21 pm

Submitted by:

Suresh Vyas

Covid-19 का असर अब भी पुलिस अधिकारियों पर हैं। अदालत से बार बार गवाही के लिए आने के निर्देशों के बावजूद अफसर यह कहते हुए बचते हैं कि वे कोरोना के कारण व्यस्त है। समय पर गवाही नहीं होने के कारण NDPS Act मामले के एक आरोपी को अदालत से जमानत मिल गई। Rajasthan High Court ने सख्ती दिखाते हुए DGP को गवाही के लिए पुलिस अफसरों की गवाही के लिए उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

Covid-19 का असर अब भी पुलिस पर भारी, हाईकोर्ट ने पूछा ऐसा क्यों

Covid-19 का असर अब भी पुलिस पर भारी, हाईकोर्ट ने पूछा ऐसा क्यों

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने पिछले साढ़े चार साल से जेल में बंद एनडीपीएस मामले के आरोपी को जमानत देते हुए इस तथ्य पर गंभीर चिंता जताई है कि बार-बार निर्देश के बाद भी पुलिस के अधिकारी जघन्य अपराधों के लिए अधीनस्थ अदालत के समक्ष विचारण की कार्यवाही में तेजी लाने में सहयोग नहीं कर रहे। High Court ने Director General of Police (DGP) को ट्रायल कोर्ट के समक्ष सूचीबद्ध गवाहों में पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति के लिए उचित निर्देश जारी कर तत्काल कदम उठाने को कहा है।
न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता सुनील की चौथी जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि विशेष रूप से जघन्य अपराधों की त्वरित सुनवाई के लिए संबंधित अदालतों के समक्ष पुलिस अधिकारियों की गवाही सुनिश्चित होनी चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता लोकेश माथुर ने कहा कि तीसरी जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। चौथी अर्जी इस आधार पर दायर की गई है कि इस कोर्ट के बार-बार निर्देशों के बावजूद मुकदमे की सुनवाई आगे नहीं बढ़ रही है। हाईकोर्ट से दो मौकों पर निर्देश डेढ़ साल से बाद भी मुकदमे की कार्यवाही समाप्त नहीं हुई है। कुल 14 में से केवल 7 गवाहों का परीक्षण किया गया है। समय-समय पर गवाही के लिए तलब करने के बावजूद हाजिर नहीं होने वालों में ज्यादातर पुलिस अधिकारी हैं।
सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि कोविड-19 प्रकोप के चलते पुलिस अधिकारी गवाही के लिए उपस्थित नहीं हो पाए।एकल पीठ ने कहा कि ट्रायल के दौरान पुलिस अधिकारियों की गैर हाजिरी स्पष्ट रूप से निचली अदालत के आदेशों की अवहेलना और अनादर को दर्शाती है। देश महामारी का सामना कर रहा था, यह दलील विभागीय गवाहों को विशेष रूप से दोषमुक्त नहीं करती। विशेष रूप से तब, जब वे पुलिस अधिकारी हैं। जब अदालतें महामारी के दौरान भी काम कर रही थी तो गैर हाजिरी का यह बहाना उचित नहीं है।
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