राशन गेहूं वितरण मामले में गड़बड़ी के चलते एसीबी की ओर से दायर एफआईआर में पूर्व डीएसओ व निलंबित आईएएस अधिकारी निर्मला मीणा की ओर से पेश अग्रिम जमानत आवेदन में जस्टिस मनोज गर्ग ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। उन्होंने मामले को एक्सेप्शन करते हुए किसी अन्य पीठ में सुनवाई के लिए सूचिबद्ध करने की टिप्पणी के साथ आवेदन लौटा दिया। अब सीजे मामले की सुनवाई किसी अन्य पीठ में करने के आदेश करेंगे। हालांकि पिछले कार्यदिवस पर मंगलवार को जस्टिस गर्ग ने मामले की सुनवाई की थी एवं बचाव पक्ष की ओर से दलीलें भी सुनी, लेकिन समय अभाव के कारण तब सुनवाई अधूरी रही थी। जस्टिस गर्ग की पीठ में गुरूवार को आगे सुनवाई होनी थी, लेकिन उन्होंने इसे एक्सेप्शन करते हुए लौटा दिया।
राजस्थान समायोजित शिक्षा कर्मी वेल्फेयर सोसाईटी की ओर से दायर याचिका का निस्तारण करते हुए हाईकोर्ट ने राजस्थान वॉलियंटरी रूरल एजूकेशन सर्विस रूल्स २०१० के तहत ग्रांट इन एड प्राप्त निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों में समायोजित कर्मचारियों को आंशिक राहत प्रदान की है। जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास व जस्टिस मनोजकुमार गर्ग की खंडपीठ ने ६८ पृष्ठों के आदेश में इन शिक्षाकर्मियों को पेंशन प्राप्ति का हकदार बताया, वहीं प्रमोशन व कॅरियर एडवांसमेंट आदि के लिए याचिकाकर्ताओं को राज्य सरकार को आवेदन कर सकने की छूट प्रदान करते हुए सरकार से इनके आवेदन पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने के निर्देश दिए हैं।
राजस्थान उच्च न्यायालय में जस्टिस निर्मल जीत कौर ने न्यायिक कर्मचारियों को राहत प्रदान करते हुवे राज्य सरकार को शेट्टी पे कमिशन की सिफारिशों पर चार माह में विचार करते हुए लक्ष्य-पूर्ण निर्णय किए जाने के निर्देश दिए हैं। एएजी पीआर सिंह ने बताया कि कमिशन की ओर से प्रस्तुत कुल १९ सिफारिशों मे से १३ को पहले ही मान लिया गया था। अब छह सिफारिशों, जिनमें एबीसीडी चार वर्ग बनाने सहित नए पद सृजित करने व प्रत्येक पे-स्केल के साथ एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि दिए जाने की सिफारिश शामिल है। न्यायिक कर्मचारी संघ की आेर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता एचआर सोनी ने इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष वर्दी अलाउंस दिए जाने तथा जिला एवं सत्र न्यायधीश के विशेष कार्यकारी सहायक सहित स्टेनों आदि के नवीन पद का सृजन करने की मांग रखी थी। जिसे अब सरकार को प्रेषित कर दिया गया है। हाईकोर्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जीआर पूनिया ने पैरवी की।