दक्षिणी पश्चिमी मानसून ने जोधपुर में 4 जुलाई को दस्तक दी थी। तब से बूंदाबांदी को छोड़ दें तो मानसून की पहली बरसात का अभी तक इंतजार है। जुलाई के दूसरे सप्ताह में ही मानसून का ट्रफ यानी कम दबाव का क्षेत्र हिमालय की तलहटी की ओर चला गया था। जुलाई के दूसरे पखवाड़े में मौसम विशेषज्ञों को मानसून ब्रेक घोषित करना पड़ा। पिछले सप्ताहांत से मानसून का ट्रफ धीरे-धीरे नीचे आ रहा है, जिसके कारण पूर्वी राजस्थान में कई हिस्सों में अच्छी बरसात हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार 26 जुलाई से पूर्वी राजस्थान में अच्छी बरसात शुरु होगी जबकि पश्चिमी राजस्थान में 28 जुलाई से अच्छा मौसम बनेगा।
सावन में लग रही आग, पारा 40 डिग्री के पार
सावन शुरू होने के बाद भी पश्चिमी राजस्थान में पारा 40 डिग्री के पार जा रहा है। मंगलवार को जोधपुर में न्यूनतम तापमान 27 और अधिकतम 39.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। जैसलमेर में दिन का तापमान 41.2, बीकानेर में 42.4 बाड़मेर में 41.2, चूरू में 41.1 और श्रीगंगानगर में 40 डिग्री सेल्सियस मापा गया। आद्र्रता 70 प्रतिशत से अधिक होने के कारण दिनभर भयंकर गर्मी रही। उमस के मारे लोग पसीना-पसीना हो रहे थे। रात को भी उमस सता रही थी।
सावन शुरू होने के बाद भी पश्चिमी राजस्थान में पारा 40 डिग्री के पार जा रहा है। मंगलवार को जोधपुर में न्यूनतम तापमान 27 और अधिकतम 39.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। जैसलमेर में दिन का तापमान 41.2, बीकानेर में 42.4 बाड़मेर में 41.2, चूरू में 41.1 और श्रीगंगानगर में 40 डिग्री सेल्सियस मापा गया। आद्र्रता 70 प्रतिशत से अधिक होने के कारण दिनभर भयंकर गर्मी रही। उमस के मारे लोग पसीना-पसीना हो रहे थे। रात को भी उमस सता रही थी।
पश्चिमी विक्षोभ और आंधी ने बिगाड़ा मौसम
इस बार पश्चिमी विक्षोभ का सिस्टम गड़बड़ा जाने के कारण मार्च तक सर्दी रहने और उसके बाद मई में आंधी और बरसात का सिलसिला शुरू होने के कारण पूरा मौसमी तंत्र उलट-पुलट हो गया है। जुलाई महीने में भी जोधपुर बाड़मेर जैसलमेर और बीकानेर जिलों में धूल भरी हवा चलती रही जिसकी रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। आंधी का महीना अप्रेल और मई ही होता है।
इस बार पश्चिमी विक्षोभ का सिस्टम गड़बड़ा जाने के कारण मार्च तक सर्दी रहने और उसके बाद मई में आंधी और बरसात का सिलसिला शुरू होने के कारण पूरा मौसमी तंत्र उलट-पुलट हो गया है। जुलाई महीने में भी जोधपुर बाड़मेर जैसलमेर और बीकानेर जिलों में धूल भरी हवा चलती रही जिसकी रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। आंधी का महीना अप्रेल और मई ही होता है।