scriptAgnipath: इस विश्वविद्यालय में 15 साल से असहाय ‘अग्निवीर’ | Helpless 'Agniveer' in this university for 15 years | Patrika News

Agnipath: इस विश्वविद्यालय में 15 साल से असहाय ‘अग्निवीर’

locationजोधपुरPublished: Jun 24, 2022 09:59:03 pm

– प्रदेश का एकमात्र रक्षा केंद्र, ब्रिगेडियर से लेकर हवलदार तक पढ़ चुके हैं यहां

Agnipath: इस विश्वविद्यालय में 15 साल से असहाय 'अग्निवीर'

Agnipath: इस विश्वविद्यालय में 15 साल से असहाय ‘अग्निवीर’

जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में बीते डेढ़ दशक ने डिफेंस स्टडी सेंटर संचालित हो रहा है, जहां से ब्रिगेडियर से लेकर हवलदार तक कोर्स करके सेना में सेवाएं दे रहे हैं लेकिन विवि की ओर से अभी तक इसे न तो विभाग का दर्जा दिया गया हैऔर न ही शिक्षकों की भर्ती की गई है। विवि में डिफेंस स्टडी पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। गेस्ट फैकल्टी और आर्मी के ऑफिसर्स यहां कक्षाएं लेते हैं। और तो और बीते सप्ताह विवि ने अब इसे कला संकाय से सीधा हटाकर राजनीति विज्ञान में सम्बद्ध कर दिया है।

विवि ने वर्ष 2007 में डिफेंस स्टडी सेंटर की स्थापना की गई थी। वर्तमान में मिलिट्री साइंस स्नातक विषय (बीए) में पढ़ाई जाती है और स्नातकोत्तर में एमए होती है। मिलिट्री साइंस व डिजास्टर मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा भी उपलब्ध है। प्रत्येक में न्यूनतम दस सीटें हैं लेकिन वर्तमान में तीनों पाठ्यक्रमों में प्रत्येक में 15 से 20 विद्यार्थी अध्यनरत है। करीब 90 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। मिलिट्री साइंस में रक्षा मामलों से संबंधित सभी तरह की पढ़ाई होती है। इसमें सेना के तीनों अंग, सेना की कार्यप्रणाली, उसका योगदान, वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय सेना का महत्व, विदेशी सेनाएं, सेना का इतिहास, सेना भर्ती और हथियार जैसे विषय पाठ्यक्रम में शामिल है। वर्तमान में सेना में काम कर रहे कई अधिकारी और जवान पदोन्नति के लिए जेएनवीयू से पीजी अथवा पीजी डिप्लोमा करते हैं।
प्रदेश का एकमात्र स्टडी सेंटर
जेएनवीयू में डिफेंस स्टडी सेंटर प्रदेश का एकमात्र ऐसा स्टडी सेंटर है। किसी भी विवि में मिलिट्री साइंस की पढ़ाई नहीं होता है। पड़ौसी राज्यों उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा व महाराष्ट्र में कई स्थानों पर डिफेंस स्टडी सेंटर है। जेएनवीयू में यह स्ववित्त पोषित आधार पर संचालित है। इसे रिसर्च सेंटर के रूप में स्थापित करने की मांग चल रही है।
सरकार को भेजेंगे विभाग का प्रस्ताव
राजनीति विज्ञान से सम्बद्ध करने से इसमें सुधार होगा। एकेडमिक कौंसिल व सिण्डीकेट से पास कराने के बाद विभाग खोलने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा।
प्रो केएल रैगर, डीन (कला संकाय), जेएनवीयू जोधपुर
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