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यहां जिन्दगी और मौत बतियाते हैं

locationबारांPublished: Apr 14, 2017 05:11:00 pm

Submitted by:

rameshwar bera

कहां पर : अमृता देवी सर्कल पर

क्या मामला : गलत तरीके से बना चौहारा बना दुर्घटनाओं का कारण

क्या समस्या : गुमटी, डिवाइडर नहीं होने से बढ़ी परेशानी
यह है समाधान : पुलिस की मौजूदगी, चौहारा को सुधारा जाए

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5: छोटे-मोटे पांच रास्ते आकर मिलते हैं सर्कल पर

6 : शिफ्ट में होमगार्ड और पुलिस की जरूरत है यहंा पर

150 : वाहन गुजरते हैं इस सर्कल पर प्रति मिनट

10-12 : हल्की-गम्भीर दुर्घटनाएं हो रही है रोजाना इस सर्कल पर
कहते हैं कि शहर के प्रवेश द्वार से वहां की यातायात व्यवस्था का पता चल जाता है। पाली से होते हुए या फिर बासनी के बाशिंदे जब शहर की तरफ जाते हैं अमृता देवी सर्कल के पास आने पर एक बार सहम जाते हैं। क्योंकि पता नहीं किस तरफ से आने वाला वाहन उन्हें अपनी चपेट में ले लें। यहां पर पूरे दिन भारी व हल्के वाहनों की आवाजाही होती है लेकिन चौराहा सही तकनीक से बना हुआ नहीं होने से रोजाना दुर्घटना हो रही है लेकिन ध्यान देने वाला कोई नहीं है। 
जोधपुर-पाली राष्ट्रीय राजमार्ग। जो भैरु चौहारा से शुरू होकर पाली तक जाता है। इसी बीच में न्यू कैंपस से आगे आता है अमृता देवी सर्कल। राष्ट्रीय राजमार्ग की मुख्य सड़क यहां आकर बासनी ओवर ब्रिज और बासनी कृषि उपज मण्डी के साथ ही झालामण्ड में जाने वाली सड़क को क्रास कर रही है। बावजूद इसके यहां न कोई न ट्रैफिक व्यवस्था है ना ही गुमटी बनी हुई है। ऐसे में आए दिन होने वाले सड़क हादसों के मद्देनजर यह चौराहा रात के अंधेरे में और भी विकराल रूप धारण कर लेता है जब तीन तरफ से सरपट दौड़ते वाहन किसी यमदूत से कम नहीं होते। अमूमन यहां पर पुलिस होती नहीं है, कभी होती भी है तो सिर्फ मूकदर्शक ही बन कर अपनी ड्यूटी निभा रही है।
कब जागेगा प्रशासन

इस संदर्भ में जब हमने यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों और स्थानीय लोगों से बात की तो उनका कहना था कि इस चौराहे को मौत का चौराहा कहा जाये तो अच्छा होगा क्योंकि आये दिन यहां सड़क हादसों के कारण लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। 
यदि यहां कोई उचित प्रबंध नही हुआ तो होने वाले सड़क हादसे और विकराल रूप धारण सकते है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस और ध्यान देगा या फिर गिरने-संभलने का खेल बदस्तूर जारी रहेगा।
सबसे अधिक टै्रफिक यहां पर

चौराहे की बात करें तो यह सर्वाधिक व्यस्त रहता है। यहां चौबीसों घंटे गाडिय़ां दौड़ती हैं। वजह यहां से शहर के भीतर तो जाने का मुख्य मार्ग है ही शहर को बासनी, सरस्वतीनरग, कुड़ी हाउसिंग बोर्ड, रामेश्वर नगर, सांगरिया, बासनी, झालामण्ड और पाली जिले को जोडऩे वाला मुख्य मार्ग भी है। पास में ही माल है और आसपास दुकानों, प्रतिष्ठानों के अलावा आबादी का भी विस्तार है। ऐसे में पूरे दिन और रात तक भारी आवाजाही और भीड़भाड़ रहती है। इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस की प्राथमिकता में यह चौराहा शामिल नहीं है।
टू व्हीलर्स पर चारए नहीं रोकती पुलिस

इसे अराजकता नहीं तो और क्या कहेंगे कि चौराहे पर जिन पुलिस वालों की ड्यूटी लगती है वे एक तरफ बैठकर गपशप में लगे रहते हैं और उनके सामने ही टू व्हील्स पर तीन और चार लोग बैठकर गुजरते रहते हैं वह न उन्हें टोकती है और न बिना हेल्मेट वालों को।
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इस रोड पर वाहनों का काफी दबाव है। यह पार्ट एनएच के अधीन आता है। सम्बन्धित अधिकारियों से बात करके यहां पर सुरक्षा से जुड़े प्रबंध करेंगे ताकि लोगों को आने जाने में सुविधा हो।
एमएल मीणा, अधीक्षण अभियंता

सार्वजनिक निर्माण विभाग

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