जिला कलक्टर की ओर से 30 अगस्त को जारी समीक्षा रिपोर्ट में जोधपुर जिले में 13494 शिकायतें पेडिंग बताई गई हैं। इसमें जिले के सरकारी कार्यालय ही नहीं बल्कि शासन सचिवालय (राजस्थान सरकार) में जिले की 529 शिकायतें भी लम्बित हैं।
यानि यूं कहें कि जिले के त्रिस्तरीय अफसरों से लेकर सरकार में बैठे के बड़े अफसरों तक शिकायतों के निस्तारण के प्रति गंभीरता नहीं है। ऐसे में परिवादों के निस्तारण का इंतजार कर रहे लोगों को राहत नहीं मिल रही है। कई शिकायतें तो वर्ष 2017 से लम्बित चल रही हैं, लेकिन उनका निस्तारण नहीं हो रहा है। जिले में 16 कार्यालयों में 100 से अधिक तथा 13 सरकारी कार्यालयों में 200 से अधिक शिकायतें लम्बित हैं।
आंकड़ों में देखें लम्बित शिकायतें-
-7139 शिकायतें स्थानीय निकाय व नगर निगम से है। -223 शिकायतें जेएनवीयू जोधपुर की शिकायतें सरकार स्तर पर अटकी है, लेकिन स्थानीय स्तर पर कोई शिकायत लम्बित नहीं हैं।
-337 शिकायतें जेडीए की स्थानीय स्तर पर अटकी है। -779 शिकायतें राजस्व संबंधी स्थानीय स्तर के तीन लेवल पर ही अटकी हैं। -684 शिकायतें पंचायतराज से संबंधित लेवल-1 व 2 पर ही अटकी है।
-370 शिकायतें जोधपुर विद्युत वितरण निगम की स्थानीय स्तर पर अटकी है। कलक्टर ने विभागों को चेताया -जिला कलक्टर डॉ. रवि कुमार सुरपुर ने सभी विभाग अधिकारियों को पत्र भेजकर जोधपुर जिले की पेंडिंग शिकायतों का निस्तारण अविलम्ब करने के निर्देश दिए हैं। कलक्टर की ओर से सभी विभागों को भेजे पत्र के अनुसार राजस्थान सम्पर्क/सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा में पाया गया कि कई विभागों के एल-1 स्तर के अधिकारियों की ओर से शिकायतों का निस्तारण नहीं किया जा रहा है।
अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल
किसी भी शिकायत का एल-2 स्तर पर पहुंचना यह दर्शाता है कि एल-1 स्तर के अधिकारियों ने निर्धारित समय मेंं शिकायत का निस्तारण नहीं कर कोताही बरती है। इसी तरह से शिकायत के एल-2 से एल-3 तक पहुंचना भी शिकायतकर्ता की असंतुष्टि को प्रदर्शित करता है। इसके अलावा शिकायत का निस्तारण एल-3 स्तर पर नहीं होने पर एल-4 यानि सरकार के पास पहुंचती है। जिससे जिले के आला अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा होता है।
तालिका में.. जोधपुर जिला : अफसरोंं के लेवल स्तर पर लम्बित शिकायतें
लेवल-1 -लेवल-2- लेवल-3-लेवल-4 3582 -2107 -7276 -529