नाबालिग छात्रा से यौन दुराचार के आरोपी आसाराम के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति के विशिष्ट न्यायालय के पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा की अदालत में चल रहे मामले में मंगलवार को अभियोजन की ओर से अंतिम बहस शुरू नहीं हो पाई। इस बीच, पीडि़ता की ओर से अधिवक्ता प्रमोदकुमार वर्मा और पीसी सोलंकी ने अंतिम बहस करते हुए कहा कि बचाव पक्ष की ओर से पेश किए गए उम्र से सम्बन्धित दस्तावेज संदिग्ध हैं। आसाराम के अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने आपत्ति उठाते हुए न्यायालय से कहा कि कानूनी सिद्धांत के तहत केवल अभियोजन ही अंतिम बहस कर सकता है। पीडि़ता के अधिवक्ता अपनी बात सरकार की ओर से नियुक्त विशिष्ट लोक अभियोजक के माध्यम से ही रख सकते हैं। अब इस मामले की सुनवाई बुधवार को फिर से होगी। गौरतलब है कि इस मामले में आठ मार्च को बचाव पक्ष की ओर अंतिम बहस समाप्त हो गई थी। पुलिस जाब्ते की कमी के चलते आसाराम को मंगलवार को अदालत में पेश नहीं किया गया।