न्यायाधीश दिनेश मेहता ने मेहमूद खान सहित 83 की ओर से दायर याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि 31 दिसंबर, 2020 के बाद कोई व्यक्ति या याचिकाकर्ता किसी आधार को लेकर पावटा की अस्थायी मंडी में अपना रिटेल व्यवसाय संचालित नहीं कर सकेगा।
इस तिथि के बाद पावटा मंडी का यह हिस्सा भी रोडवेज को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। कोर्ट ने राज्य सरकार ( Rajasthan govt .) एवं मंडी समिति को भदवासिया मण्डी (Bhadwasiya Mandi) में होलसेल विक्रेताओं जैसी सुविधाएं, टॉयलेट और पेयजल की व्यवस्था रिटेल विक्रेताओं के लिए भी विकसित करने के निर्देश दिए।
31 दिसंबर, 2020 तक अस्थायी मंडी में भी पेयजल एवं बिजली की सुविधाएं मुहैया करवाने और 200 दुपहिया वाहनों की पार्किंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।