‘ओजस सॉफ्टवेयरÓ की गफलत का शिकार चिकित्सा विभाग कार्मिकों की ओर से प्रसूताओं के खाते में एक से अधिक बार जननी सुरक्षा एवं शुभ लक्ष्मी योजना राशि का भुगतान करने का मामला सामने आया है। खामियां उजागर होने के बाद चेते चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने गलती करने वाले चिकित्सा कार्मिकों की जेब से संबंधित भुगतान वसूलने के आदेश दिए हैं। साथ ही सात दिन में मामले की पड़ताल कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, चिकित्सालय अधीक्षक एवं प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने निर्देश भी दिए हैं। दूसरी ओर जिले का चिकित्सा विभाग मामले सरकारी धन के दुरुपयोग को लेकर अनजान बना हुआ है।
‘ओजस सॉफ्टवेयरÓ की गफलत का शिकार चिकित्सा विभाग कार्मिकों की ओर से प्रसूताओं के खाते में एक से अधिक बार जननी सुरक्षा एवं शुभ लक्ष्मी योजना राशि का भुगतान करने का मामला सामने आया है।
खामियां उजागर होने के बाद चेते चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने गलती करने वाले चिकित्सा कार्मिकों की जेब से संबंधित भुगतान वसूलने के आदेश दिए हैं। साथ ही सात दिन में मामले की पड़ताल कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, चिकित्सालय अधीक्षक एवं प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने निर्देश भी दिए हैं।
दूसरी ओर जिले का चिकित्सा विभाग मामले सरकारी धन के दुरुपयोग को लेकर अनजान बना हुआ है।
10 दिन पहले चेताया
गफलत पर गौर करें तो निदेशालय ने 21 जुलाई को चिकित्सा विभाग को परिपत्र जारी किया था। इसके तहत विभाग को 31 जुलाई की रात 12 बजे से योजना के तहत होने वाले भुगतान को गाइडलाइन के हिसाब से ऑनलाइन किया जाना था।
इसके बाद 12 दिसम्बर को एक बार फिर निदेशक, आरसीएच ने विभागीय आदेश में व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। फिर 18 दिसम्बर को भी लिखित में आदेश दिए, लेकिन गफलत सामने आने के बाद चार जनवरी को निदेशक, आरसीएच ने मामले में कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई करने एवं अधिक भुगतान वाली राशि को कर्मचारी से वसूलकर राजकोष में जमा कराने को कहा।
यहां की गफलत
झाड़ोल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गफलत के 13 मामले सामने आएं। इसी तरह खेरवाड़ा सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चार, कोटड़ा सीएचसी में एक, लसाडि़या सीएचसी में एक, मावली सीएचसी में दो, मेनार सीएचसी में दो, ओगना सीएचसी में 17, पन्नाधाय महिला चिकित्सालय में 63, परसाद सीएचसी में दो, सलूम्बर सब डिवीजनल हॉस्पिटल में एक, सराड़ा सीएचसी में नौ एवं टीडी सीएचसी में एेसे सात मामले सामने आए।
करता हूं जानकारी
फिलहाल तो मामला ध्यान में नहीं आया है। इसकी जानकारी लेकर कार्रवाई करता हूं।
डॉ. संजीव टाक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उदयपुर
कर रहे हैं आगाह
जान-बूझ कर खाते में राशि ट्रांसफर की है। एेसा तो नहीं है, लेकिन गलती नहीं हो। हम इसके लिए आगाह कर रहे हैं। उदयपुर की स्थिति अन्य जगहों से तो ठीक है।
नवीन जैन, एनएचएम मिशन निदेशक एवं विशिष्ट शासन सचिव, चिकित्सा विभाग