इस संबंध में ३१ जुलाई को राजस्थान पत्रिका में ‘जोधपुर: ढाई साल में ६१८ नवजात और १२० माताओं की मौत’ खबर प्रकाशित कर जच्चा-बच्चा की सेहत से जुड़ी योजनाओं की हकीकत उजागर की थी। बैठक में कलक्टर सुरपुर ने विशेष तौर पर फ लोदी और बाप क्षेत्र में घर में प्रसव करवाने वाले वर्ग विशेष को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करने को कहा।
कलक्टर ने चिकित्सकों को गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान विशेष तौर पर दिए जाने वाले पोषाहार व आहार की दर्शिका/पुस्तिका उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं को आयोडिन नमक के उपयोग करने व उससे होने वाले लाभ के बारे में जानकारी देने की बात कही। खाद्य सुरक्षा अधिकारी को नमक विक्रेताओं से सैम्पल लेने और आयोडिन की मात्रा की जांच कर आयोडिन नहीं पाए जाने पर कार्रवाई करने के आदेश दिए।
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा करते हुए जिला कलक्टर ने सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को इस योजना के लाभार्थियों को पूर्ण चिकित्सा सुविधा देने के निर्देश दिए।अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (प.क.) को प्राइवेट अस्पतालों का नियमित रूप से निरीक्षण करने को कहा। बैठक में एडीएम द्वितीय कुशल कोठारी, एडीएम शहर महिपाल, सीएमएचओ डॉ. एसएस चौधरी, डॉ. एचआर गोयल, डॉ. पीआर गोयल, डॉ. सुनीलकुमार बिष्ट और समस्त बीसीएमओ व सीएचसी के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका समय समय पर इस प्रकार की समस्याओं को उजागर करता आया है। साथ ही इस प्रकार की समस्याओं से जनता में भी सकारात्मक संदेश जाता है कि किस प्रकार की परेशानियां आज भी व्याप्त है। इस समाचार के बाद चिकित्सा जगत में खासी हलचल मच गई और इस पर कलक्टर तक को एक्शन लेना पड़ा।