जोधपुर. मथानिया के एक व्यवसायी को बलात्कार के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर लाखों रुपए वसूलने की साजिश करने वाली गैंग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मैसूर (कर्नाटक) में कैटरिंग और मिठाई का व्यवसाय करने वाले मथानिया के गगाड़ी निवासी सुमेराराम पुत्र अचलाराम ने २१ सितंबर को पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि कुछ समय पहले उससे एक युवती ने फोन पर बात कर दोस्ती की। इसके बाद युवती ने राजस्थान आने पर उसे मिलने के लिए कहा। सुमेरराम गत 16 सितंबर को अपने गांव आया था। 19 सितंबर को युवती का फोन आने पर वह गाड़ी में उससे मिलने तिंवरी बस स्टैण्ड पहुंचा। वहां से युवती उसके साथ कार में बैठ गई और उसे जोधपुर चलने को कहा। जोधपुर आते समय तिंवरी और बालरवा के बीच युवती ने यह कहते हुए गाड़ी रुकवाई कि उसे बात करनी है। इसके कुछ समय बाद ही एक गाड़ी उनके पास आकर रुकी और उसमें सवार पांच लोग युवती और व्यवसायी को अपनी गाड़ी में बिठाकर ले गए। आरोपियों ने व्यवसायी की आखों पर पट्टी बांध दी और तीन घंटे तक कार घुमाते रहे। इस दौरान उसके साथ सरियों से मारपीट भी की। आरोपियों ने उसकी सोने की दो चैन, ब्रेसलैट, 6 सोने की अगूठियां, एक घड़ी, मोबाइल व 25 हजार नकदी लूट ली। आरोपियों ने सुमेराराम से 15 लाख रुपए की मांग की और नहीं देने पर बलात्कार के मामले में फंसाने की धमकी देकर छोड़ दिया।
व्यवसायी के परिचित ने रची थी साजिश
व्यवसायी के परिचित ने रची थी साजिश
डीसीपी(पूर्व)अमनदीप सिंह एडीसीपी अनन्त कुमार, एसीपी मंडोर नविता खोखर, मथानियां थानाधिकारी राजेंद्र राजपुरोहित व हेड़ कांस्टेबल अमरसिंह, कांस्टेबल हरदयाल, भंवराराम, मदन सिंह, परमवीर, भजनलाल की टीम गठित की गई। जांच में पता लगा कि व्यवसायी के परिचित रूपाराम ने सथियों के साथ सुमेराराम को युवती के जरिए हनी ट्रेप में फंसाकर 15 लाख रुपए वसूलने की साजिश रची थी। इसके बाद शनिवार को गगाडी निवासी रूपाराम (24) पुत्र राजुराम जाट, तिंवरी निवासी नाथूराम (24) पुत्र नवलाराम जाट, ओसियां के खेतासर निवासी हापुराम (28) पुत्र बाबूराम जाट व मथानिया के बसीनगर निवासी रेखा (20) पुत्री लूणाराम माली को गिरफ्तार कर लिया। रविवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने युवती को जेल और तीन अन्य आरोपियों को चार दिन के रिमांड पर भेज दिया।
मास्टरमाइंड ही बना मीडिएटर
व्यवसायी को बंधक बनाने के बाद आरोपियों ने उसे छोडऩे के लिए किसी परिचित से बात कराने को कहा। व्यवसायी ने अपने परिचितों के नाम बताए लेकिन आरोपियों ने उसके गांव के रूपराम से मध्यस्थता के लिए बात कराने को कहा। व्यवसायी को पता नहीं था कि जिस रूपाराम को मध्यस्थता के लिए बुला रहा हैं वही गिरोह का मास्टर माइंड है। आरोपियों ने रूपाराम के आने के बाद व्यवसायी को 15 लाख रुपए देने की शर्त पर छोड़ दिया। इसके बाद रूपाराम व्यवसायी का मध्यस्थ बनकर अपने साथियों से बात कर रुपए कम कराने का नाटक करता रहा। आखिर में व्यवसायी 5 लाख रुपए देने को तैयार हो गया। इस बीच व्यवसायी को रूपाराम पर संदेह हो गया और उसने पुलिस में शिकायत की।
व्यवसायी को बंधक बनाने के बाद आरोपियों ने उसे छोडऩे के लिए किसी परिचित से बात कराने को कहा। व्यवसायी ने अपने परिचितों के नाम बताए लेकिन आरोपियों ने उसके गांव के रूपराम से मध्यस्थता के लिए बात कराने को कहा। व्यवसायी को पता नहीं था कि जिस रूपाराम को मध्यस्थता के लिए बुला रहा हैं वही गिरोह का मास्टर माइंड है। आरोपियों ने रूपाराम के आने के बाद व्यवसायी को 15 लाख रुपए देने की शर्त पर छोड़ दिया। इसके बाद रूपाराम व्यवसायी का मध्यस्थ बनकर अपने साथियों से बात कर रुपए कम कराने का नाटक करता रहा। आखिर में व्यवसायी 5 लाख रुपए देने को तैयार हो गया। इस बीच व्यवसायी को रूपाराम पर संदेह हो गया और उसने पुलिस में शिकायत की।
100 ग्राम सोने के आभूषण पहनता था व्यवसायी
व्यवसायी 100 ग्राम से ज्यादा सोने के आभूषण पहनता था। इसी कारण रूपाराम की नजर व्यवसायी पर पड़ी। व्यवसायी रूपाराम का परिचित भी था। व्यवसायी को फंसाने के लिए रूपाराम ने अपने साथी नाथुराम की महिला मित्र रेखा को अपने साथ ले लिया। रेखा व्यवसायी से फोन पर बाते करने लगी। आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए 2 महिने तक प्लानिंग की थी।
व्यवसायी 100 ग्राम से ज्यादा सोने के आभूषण पहनता था। इसी कारण रूपाराम की नजर व्यवसायी पर पड़ी। व्यवसायी रूपाराम का परिचित भी था। व्यवसायी को फंसाने के लिए रूपाराम ने अपने साथी नाथुराम की महिला मित्र रेखा को अपने साथ ले लिया। रेखा व्यवसायी से फोन पर बाते करने लगी। आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए 2 महिने तक प्लानिंग की थी।