हुक्का बार की फटकार और दौड़ी पुलिस
- मानवाधिकार आयोग की बैठक
Published: 04 Mar 2021, 09:48 PM IST
जोधपुर।
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास की अध्यक्षता में पूर्ण पीठ ने डीआरडीए सभागार में पांच घंटे लगातार प्रकरणों की सुनवाई की। जस्टिस व्यास ने एक-एक परिवादी से बातचीत कर प्रकरण को सुना और अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
हुक्का बार पर लताड़ और फिर दौड़ी पुलिस
जस्टिस व्यास ने एक व्यक्ति की शिकायत का हवाला देते हुए कहा कि हुक्का बार संचालित हो रहे हैं और कई विद्यार्थी इसका शिकार हो रहे हैं। उन्होंने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में विशेष स्थान भी बता दिया। पूर्ण पीठ के सदस्य ने कहा कि पुलिस एसएचओ को उस क्षेत्र के अपराध की पूरी जानकारी होती है। एसएचओ चाहे तो क्षेत्र में अपराध हो ही नहीं। फटकार सुन कर पुलिस कमिश्नर ने तुरंत फोन पर अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए और टीमें दौड़ पड़ी।
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आरटीआइ के नाम पर ब्लैकमेल नहीं
एक प्रकरण में सुनवाई करते हुए जस्टिस व्यास ने कहा कि आरटीआइ सूचना लेने का जरिया है किसी अधिकारी को ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता। इस लिहाज से तो कोई अधिकारी काम ही नहीं करेगा।
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एडीएम समय पर नहीं दे पाए रिपोर्ट
कैम्प कोर्ट में सबसे अधिक शिकायतें पुलिस प्रशासन की थी, लेकिन संबंधित डीसीपी व पुलिस अधीक्षक सूचीबद्ध प्रकरणों की रिपोर्ट लेकर आए। कलक्टे्रट प्रकरणों की सुनवाई हुई तो एडीएम द्वितीय जो प्रभारी है वह कई प्रकरणों की समय पर रिपोर्ट नहीं दे पाए। इस पर आयोग ने नाराजगी जताई।
दिव्यांग सर्टिफिकेट रद्द करने पर लगाई फटकार
एक प्रकरण में दिव्यांग बच्चे के अलग-अलग अस्पतालों से अलग-अलग स्तर की सुनने में दिव्यांगता पर फटकार लगाते हुए जस्टिस व्यास ने कहा कि किसी भी प्रकार से पुराने प्रमाण पत्र को रद्द करने का अधिकार चिकित्सक के पास नहीं है। उन्होंने संबंधित चिकित्सक को बुलाया उनका पक्ष भी जाना। इसके बाद जिला कलक्टर व मेडिकल कॉलेज को पूरे मामले की जांच करवा रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
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