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जोधपुर

जोधपुर : न्यू कैंपस में गूंज रही घोड़ों की हिनहिनाहट व टापें

-घोड़ों की हिनहिनाहट व टापों से गूंज रहा न्यू कैंपस- जगह-जगह से तोड़ी सुरक्षा दीवार, लोगों ने किया अतिक्रमण

जोधपुरApr 09, 2018 / 03:47 pm

Abhinav singh Chouhan

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विश्वविद्यालय में घोड़ों का बाड़ा

बासनी (जोधपुर).

न्यू पाली रोड स्थित जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय का न्यू कैंपस। कहने को भले ही इसे संभाग के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा का मंदिर कहा जाए, लेकिन परिसर में प्रवेश करने पर आपको अलग ही नजारे देखने को मिलेंगे। कैंपस में बेधड़क दौड़ते घोड़ों की टापें और शोर मचाती हिनहिनाहट अब छात्रों के लिए भले ही आम बात हो गई है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। पिछले कुछ समय से विश्वविद्यालय न्यू कैंपस की दीवार तोड़कर अतिक्रमण किया जा रहा है। दीवार के अंदर बाड़ा बनाकर घोड़ों को बांधा जा रहा है। इसके अलावा सड़क किनारे अतिक्रमण करने वाले भी दीवार के अंदर कई बार सामान रख देते हैं। विश्वविद्यालय में प्रवेश करने के लिए शार्टकट के चक्कर में भी कुछ स्थानों पर सुरक्षा दीवार को तोड़कर रास्ते बना दिए हैं।
दीवार के अंदर बनाया बाड़ा
विश्वविद्यालय में अतिक्रमियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि यहां बाकायदा घोड़ों का अस्थाई बाड़ा तक बना दिया है। दिनभर जहां ये घोड़े विश्वविद्यालय में धमाचौकड़ी करते हैं वहीं रात होते ही इन्हें विवि दीवार के अंदर बनाए बाड़े में बांध दिया जाता है। सूत्रों की माने तो यहां लंबे समय से यह बाड़ा बना हुआ है फिर भी विवि प्रशासन कार्रवाई करने के बजाए आंखें मूंद कर बैठा है। ये घोड़े दिन में विवि के भाषा प्रकोष्ठ, कला संकाय डीन ऑफिस, केन्द्रीय पुस्तकालय आदि के पास घूमते रहते हैं। इस दौरान कई बार दौड़ते इन घोड़ों के कारण छात्र-छात्राओं के चोटिल होने की आशंका रहती है। इन सबके बावजूद भी विवि प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। छात्रों का कहना है कि बारिश के दिनों में भी यहां पशुओं का जमावड़ा रहता है। यहां बारिश में खरपतवार व घास उग जाती है। इससे आसपास के लोग पालतू पशुओं को विवि कैंपस में छोड़ देते हैं। इस दौरान भी कई बार पशुओं की आपसी लड़ाई आदि के कारण विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जगह-जगह से तोड़ी दीवारें
न्यू कैंपस की सुरक्षा दीवार भी कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। कुछ स्थानों पर जहां अतिक्रमण करने वालों ने अपनी सुविधा के लिए इसे तोड़ा है तो कुछ जगह शॉर्टकट के चक्कर में सुरक्षा दीवार को तोड़कर रास्ता बनाया गया है। अमृता देवी सर्किल मोड़ के आगे से मंडी मोड़ तक यह दीवार कई जगह से क्षतिग्रस्त पड़ी है। लंबे समय से टूटी इस दीवार को लेकर विवि प्रशासन गंभीर नहीं है। कार्रवाई का डर नहीं होने के कारण लोग इसे अन्य जगहों से भी तोड़ रहे हैं। ऐसे में यदि विवि प्रशासन समय पर इस ओर ध्यान नहीं देता है तो आने वाले समय में पूरी दीवार मरम्मत में लाखों रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इसके अलावा सुरक्षा दीवार की ऊंचाई कम होने के कारण भी समाज कंटक दीवार फांदकर अंदर घुस आते हैं।
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