शर्मा ने पत्रकारिता में सुधार के लिए बताया कि देश में मीडिया के लिए एक कानून बने, जिसके तहत मीडिया से जुड़े लोग सरकारी सम्मान नहीं लेंगे, ताकि वह निष्पक्ष होकर पत्रकारिता करे। उन्होंने कहा कि समाचार पत्र विचारों से जुड़े रहे, न कि विचारधारा से। उन्होंने सकारात्मक पत्रकारिता पर भी जोर दिया।
— परिवार व रिश्तों पर कम लिखी जा रही है कविताएं शर्मा ने कहा कि वर्तमान में परिवार और रिश्तों पर कम कविताएं लिखी जा रही है। इससे श्रोता कम हुए हैं। समसामयिक मुद्दों पर इसलिए कविताएं लिखी जा रही है कि वे अब आम लोगों की जिन्दगी को प्रभावित कर रही है। उन्होंने बताया कि आज राजनीति हर क्षेत्र में दखलदांजी कर रही है, इसलिए कविताओं में राजनीति मजबूती से नहीं मजबूरी से लिखी जा रही है।
युवा पीढ़ी हिन्दी पढ़े शर्मा ने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि युवा पीढ़ी हिन्दी पढ़ें, हिन्दी साहित्य को महत्व दें, तभी उनका विकास होगा। युवा इस लायक बने कि पढ़-लिखकर नौकरी नहीं करे, बल्कि पढ़े-लिखे लोगों को नौकरी दे।