शिकायत का समय पर निस्तारण नहीं तो अफसर के खिलाफ कार्रवाई: कोर्ट
पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल की निष्क्रियता पर कोर्ट ने दिखाई सख्ती
जोधपुर
Published: April 22, 2022 08:43:08 pm
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि जिला स्तर पर गठित पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल में प्राप्त होने वाली शिकायतों पर नोटिस जारी कर प्रभावी कानूनों के तहत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार जांच की जानी चाहिए। सरकार को सेल पर पर उचित निगरानी रखने के निर्देश देते हुए कहा गया कि यह जांच सामान्यतया तीन महीने में पूरी की जाए। जहां अधिकारी अपने दायित्व से बेपरवाह पाए जाएं, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की हिदायत दी गई है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव तथा न्यायाधीश मदन गोपाल व्यास की खंडपीठ में याचिकाकर्ता दुर्गाराम की ओर से अधिवक्ता रिपुदमन सिंह ने कहा कि पाली जिले के देवली कलां गांव के खसरा संख्या 924, 924/1 एवं 924/2 की आगोर की भूमि पर अतिक्रमण नहीं हटाए जा रहे। याची ने पहले भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, तब पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी की पत्र याचिका में दिए गए निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के आदेश के साथ याचिका निस्तारित कर दी गई थी। याची के अभ्यावेदन पर जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो अवमानना याचिका दायर की गई,लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्देश पर जिला स्तर पर पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल का गठन किया गया है, लेकिन वहां भी शिकायतकर्ता के प्रतिवेदन का उचित निस्तारण नहीं किया जा रहा।
खंडपीठ ने कहा-ऐसा प्रतीत होता है कि कोर्ट के निर्देशों के बावजूद अधिकारी उसका पालन नहीं कर रहे। कोर्ट के समक्ष बड़ी संख्या में जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। इनमें ऐसे अतिक्रमणों की शिकायत की जांच के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई है, जहां संबंधित सेल के समक्ष अभ्यावेदन के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कोर्ट ने कहा कि पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल में एक बार शिकायत प्राप्त होने के बाद उसे सारभूत तरीके से निस्तारित किया जाना चाहिए और लंबित नहीं रखा जाना चाहिए, ताकि जनता को हाईकोर्ट तक नहीं आना पड़े। कोर्ट ने अधिकारियों की निष्क्रियता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे मामले में जहां यह पाया जाएगा कि कोर्ट द्वारा पारित निर्देशों के बावजूद जांच शुरू नहीं की गई है, दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की आवश्यकता है। मौजूदा मामले में कोर्ट ने पाली कलक्टर को शिकायत की जांच तीन महीने में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इसमें विफल रहने पर कलक्टर को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

शिकायत का समय पर निस्तारण नहीं तो अफसर के खिलाफ कार्रवाई: कोर्ट
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
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