शैक्षणिक सत्र 2019-20 में केवल आइआइटी हैदराबाद ने एआइ में बीटैक शुरू किया है। पहली सीट 478 रैंक वाले सामान्य श्रेणी के विद्यार्थी ने ली और 657 रैंक आते-आते सभी सीटें फुल हो गई। टॉप रैंक से लेकर 1000 तक की रैंक के किसी भी विद्यार्थी ने भुवनेश्वर, मण्डी, पटना, जोधपुर, गांधीनगर, रोपड़, तिरुपति, जम्मू और धारवाड़ आइआइटी में दाखिला नहीं लिया, जबकि इन आइआइटी में उन्हें कम्प्यूटर साइंस सहित इच्छित ब्रांच आसानी से मिल सकती थी। भारत में वर्तमान में डाटा साइंस के 50 हजार से अधिक पद खाली पड़े हैं और अगले साल से 39 हजार नए पद और आने की उम्मीद है।
सभी आइआइटी में से एआइ के क्षेत्र में सबसे पहले आइआइटी जोधपुर ने पहल की थी। पिछले महीने ही भारत का पहला डीजीएक्स-2 सुपर कम्प्यूटर यहां आया है लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य तैयारी पूरी नहीं होने की वजह से इस साल केवल एमटैक से ही संतोष करना पड़ा। अगले साल से एआइ के अलावा मैटेरियल साइंस सहित अन्य नई ब्रांच में भी बीटैक शुरू होगी। सुपर कम्प्यूटर होने से आइआइटी जोधपुर में एआइ ब्रांच काफी सफल रहने की उम्मीद है।
‘इस साल आइआइटी हैदराबाद के अलावा आइआइआइटी दिल्ली ने भी एआइ में बीटैक शुरू किया है। हमने इस साल एमटैक शुरू की है। अगले साल पूरी तैयारी के साथ बीटैक शुरू कर देंगे।’
– डॉ. गौरव हरित, विभागाध्यक्ष, कम्प्यूटर साइंस, आइआइटी जोधपुर