निर्यातकों की वर्किंग केपिटल ब्लॉक जोधपुर के निर्यातकों के करीब 100 करोड़ के जीएसटी रिफ ण्ड अटके होने की वजह से निर्यातकों की वर्किंग केपिटल ब्लॉक हो गई है। हैण्डीक्राफ्ट उद्योग के लिए क्रिसमस व न्यू ईयर का सीजन सबसे अहम होता है, इस सीजन में निर्यातकों को विदेशी ग्राहकों से करीब 30 प्रतिशत अधिक ऑर्डर मिलते है। जो जुलाई माह से इन ऑर्डर्स को यहां से भेजना शुरू करते है, लेकिन निर्यातकों की वर्किंग केपिटल ब्लॉक हो जाने से निर्यातक नए ऑर्डर बुक नहीं कर पा रहे हैं। २० हजार मजदूर बेरोजगार जोधपुर से पिछले 3 माह में हैण्डीक्राफ्ट्स निर्यात मे 50 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है। शहर की कई इकाइयों में काम नहीं होने की वजह से करीब 20 हजार लेबर को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। एेसी स्थिति में मजदूर दूसरे काम-धंधों में पलायन कर रहे हैं, जो आने वाले समय में इस उद्योग के लिए बड़ी समस्या बन सकता है।
जीडीपी में ४० प्रतिशत हिस्सेदारी निर्यात उद्योग की
भारत में निर्यात उद्योग देश की जीडीपी में ४० प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है। निर्यातकों के अनुसार, वर्तमान में निरंतर घटते निर्यात की वजह से जीडीपी गड़बड़ा रही है, जो कि पिछले ७० वर्ष में पहली बार देखने को मिला है।
जीएसटी काउंसिल की मीटिंग से उम्मीद जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन की ओर से जीएसटी एक्सपोर्ट कमेटी व वित्त मंत्री को रिप्रजेन्टेशन सौंपा गया है। जिस पर विचार-विमर्श व अध्ययन करने के बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल को सौंपेगी। एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. भरत दिनेश ने बताया कि एसोसिएशन की ओर से रिप्रजेन्टेशन में स्पीडी रिफ ण्ड, फर्नीचर पर जीएसटी रेट कम करना, जॉब वर्क से जीएसटी समाप्त करना, निर्यातकों के लिए इंसेंटिव पैकेज आदि की मांग की गई है। एसोसिएशन को अब 6 अक्टूबर को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में निर्यातको के हित में घोषण की उम्मीद है।