बेतरतीब यातायात और सिकुड़ती सडक़ें। सडक़ों पर भरा पानी और चारों ओर गंदगी। ऐसे हालात से त्रस्त हमारे शहर को एक सही दिशा में विकास की उम्मीद है। संस्कृति, हेरिटेज स्थल, पर्यटन के रूप में अपनी अलग पहचान रखने वाले जोधपुर को आज भी बड़े शहरों के मुकाबले हम पीछे पाते हैं।
फाइलों में अटकें हैं जोधपुर को स्मार्ट करने के कई प्रोजेक्ट, सरकारी सहमतियों का इन्हें है इंतजार
अविनाश केवलिया/जोधपुर. बेतरतीब यातायात और सिकुड़ती सडक़ें। सडक़ों पर भरा पानी और चारों ओर गंदगी। ऐसे हालात से त्रस्त हमारे शहर को एक सही दिशा में विकास की उम्मीद है। संस्कृति, हेरिटेज स्थल, पर्यटन के रूप में अपनी अलग पहचान रखने वाले जोधपुर को आज भी बड़े शहरों के मुकाबले हम पीछे पाते हैं। ऐसे कई प्रोजेक्ट हैं जो सरकार की सहमतियों का इंतजार कर रहे हैं, जो कि धरातल पर आए तो बात बने।
1. स्मार्ट सिटी – केन्द्र सरकार के बजट में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का अगला चरण यदि लॉन्च होता है तो जोधपुर उस ओर टकटकी लगाए बैठा है। राज्य सरकार की ओर से इसके लिए मांग भी की जा चुकी है। जोधपुर वे सभी मानक भी पूरे करता है जो एक शहर को स्मार्ट बनने के लिए चाहिए। केन्द्र सरकार में जोधपुर के सांसद केबिनेट मंत्री भी हैं। ऐसे में राज्य व केन्द्र के समन्वित प्रयासों की दरकार है।
2. एलिवेटेड रोड – पिछले कुछ सालों में जोधपुर की सडक़ों पर यातायात कई गुना बढ़ा है। सडक़ों की चौड़ाई और इंफ्रास्ट्रक्चर वही है। शहर की सडक़ों पर जाम आम है। ऐसे में प्रमुख मांग एलिवेटेड रोड है। इसके प्रस्ताव पहले भी दो बार जोधपुर जेडीए की ओर से गए हैं। लेकिन अब तक स्वीकृति का इंतजार है। इस बजट में राज्य सरकार इसके लिए कोई पहल करे तो शहर के लिए यह बड़ी सौगात हो सकती है।
3. पर्यटन विकास – जोधपुर की सांस्कृतिक विरासत इसे पर्यटन नगरी भी बनाता है। ऐसे में यहां हेरिटेज रोड ऑर हेरिटेज स्पॉट विकसित करने का काम होना चाहिए। इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार स्पेशल बजट और सर्किट बनाने का काम भी करे। साथ ही पर्यटन विकास के लिए महत्वपूर्ण शहर के पहले रोप.वे के लिए भी द्वार खुले तो बेहतर है। यह रोप-वे कायलाना के समीप प्रस्तावित है, लेकिन वन मंत्रालय के पास काम अटका है।
4. ग्रीन स्पेस व उद्यान विकास – शहर व केन्द्र सरकार मिलकर ग्रीन स्पेस डवलपमेंट पर काम करें तो बेहतर है। अमृत योजना में इसका प्रावधान भी है। इमसें केन्द्र और राज्य सरकार दोनों का अंश होता है। लेकिन जोधपुर में महज कुछ हिस्सों में सीवरेज सुधारने के अलावा कुछ नहीं हुआ। गुजरात मॉडल की तर्ज पर ओपन स्पेस डवलपमेंट, ग्रीन रोड व स्मार्ट रोड बनाई जा सकती है। जो कि जोधपुर को अन्य शहरों से अलग स्थान दिलाएगी।
5. सिटी ट्रांसपोर्ट – सिटी ट्रांसपोर्ट को सुधारने के लिए प्रयास हो। इसमें फुटओवरब्रिज, नोन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट का प्रावधान भी कर सकते हैं। रेलवे स्टेशन या महत्वपूर्ण सडक़ों पर अंडरग्राउंड पैसेज बनाया जा सकता है। इससे सुरक्षित सडक़ क्रॉस किया जा सके। साथ ही नए पार्र्किंग स्पेस भी विकसित किए जाएं। बजट में इसके लिए अलग से प्रावधान हो तो शहर की सडक़ें सांस ले सकेंगी।
एक्सपर्ट कमेंट – एलिवेटेड रोड प्रमुख मांग एलिवेटेड रोड तो शहर की पुरानी और प्रमुख मांग है। इसके अलावा शहर विकास के लिए ग्रीन स्पेस डवलपमेंट जरूरी है। सरकार को इसके लिए अलग से प्रावधान करना चाहिए। गुजरात में उद्यान विकास, ग्रीन रोड की दिशा में काफी काम हुआ है। राजस्थान सरकार को भी इसमें पहल करनी चाहिए।
– राजेशचंद्र पुरोहित, सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंतापब्लिक व्यू – चाहिए स्पेशल प्रोजेक्ट पर्यटन के साथ ही शहर का सुव्यवस्थित विकास हो इसके लिए काम करने की जरूरत है। जोधपुर को केन्द्र और राज्य सरकार दोनों से उम्मीदें हैं। आधारभूत सुविधाओं के साथ स्पेशल प्रोजेक्ट मिलते हैं तो शहर की अलग पहचान बनती है।