दो दशक बाद एेसा संयोगद्वापरयुग में कुसंग की बेडि़यों में जकड़े हस्तिनापुर को स्वतंत्र करने के लिए प्रथम आंदोलन आरंभ करने वाले भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव और देश की स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ का संयोग करीब दो दशक बाद एक ही दिन होने जा रहा है। एेसा संयोग इससे पूर्व १९९८ में हुआ था। वर्ष २००६ में
जन्माष्टमी का संयोग १६ अगस्त को और वर्ष १९९० और वर्ष २००९ में १४ अगस्त को हुआ था। गीता पाठ के साथ गूंजेंगे देशभक्ति के तराने
कायलाना झील के पास माचिया जैविक उद्यान परिसर में १५ अगस्त को स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े महत्वपूर्ण स्मारक माचिया किले में जंगे आजादी के दौरान अमानवीय यातनाएं सहने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। आध्यात्मिक क्षेत्र पर्यावरण संस्थान समिति
जोधपुर के अध्यक्ष रामजी व्यास ने बताया कि गीता परिवार के संयुक्त तत्वावधान में माचिया किले में स्थित कीर्ति स्तंभ पर पुष्पांजलि के बाद मारवाड़ के स्वतंत्रता सेनानियों को गीता के श्लोकों से श्रद्धांजलि दी जाएगी। जिले के तिंवरी स्थित गीताधाम परिवार की पुष्पाबेन जोशी ने बताया कि सुबह गीता के श्लोक और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए जाएंगे।
जन्माष्टमी को होगी ‘दहीं मटकी फोड़ प्रतियोगिताÓ रातानाडा कृष्ण मंदिर में आयोजित आठ दिवसीय
जन्माष्टमी महोत्सव के तहत सुबह ९ बजे झांकीयुक्त शोभायात्रा निकाली जाएगी। मंदिर पुजारी हरीशपुरी ने बताया कि शाम को झूले के दर्शन और रात्रि १२ बजे कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। खड़ी सप्ताह के तहत रविवार को ऊब छठ पर्व के दिन केवल महिलाओं को ही प्रवेश दिया जाएगा। भगवान कृष्ण के प्राकट्योत्सव के उपलक्ष्य में चौपासनी रोड जूना खेड़ापति हनुमान मंदिर परिसर में ‘दहीं मटकी फोड़ प्रतियोगिताÓ का आयोजन किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष कमलेश पुरोहित ने बताया कि प्रतियोगिता में सूर्यनगरी के प्रमुख व्यायामशालाओं के सदस्य भागीदारी निभाएंगे। शाम ७ बजे से बच्चों के लिए कान्हा फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता व रात ९ बजे से भक्ति संध्या होगी। अद्र्धरात्रि को प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा।