जोधपुर

Video : भारत-रूस के युद्धाभ्यास का एयर चीफ मार्शल ने लिया जाएजा, भारतीय वायुसैनिकों ने समझी रूसी तकनीक

जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर चल रहे भारत व रूस की वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास में दोनों देशों के वायुसैनिक हिस्सा ले रहे हैं।

जोधपुरDec 19, 2018 / 04:43 pm

Harshwardhan bhati

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जोधपुर. दोनों देशों के बीच सामंजस्य और समानता है। यह हमारे लिए बेहतर होगा कि हम रूसी तकनीकों को बेहतर तरीके से समझें। उड़ान भरने के लिए यह मौसम अच्छा होता है इस कारण यह युद्धाभ्यास अभी रखा गया है। रशियन्स के साथ सीखने को बहुत कुछ मिलता है। हमारे हवाई जहाज रशिया में बने हैं इसलिए उनके साथ बेस्ट प्रैक्ट्सि हो सकती है। उनके साथ यह प्रैक्टिस करने से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। यह कहना है भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ का। वे यहां जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर चल रहे भारतीय वायुसेना और रूस की रशियन फेडरेशन एयरोस्पेस फोर्स के संयुक्त युद्धाभ्यास एविइंद्रा-2018 का जायजा लेने पहुंचे थे। यहां एयर चीफ मार्शल धनोआ ने रूसी वायुसैनिकों से मुलाकात की। इस अवसर पर भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन सुमित गर्ग ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस प्रैक्टिस में रशियन और भारतीय वायुसैनिक साथ उड़े थे। इससे भारतीय वायुसैनिकों ने सीखा कि हवाई जहाज को वे लोग कैसे उड़ाते हैं। दोनों जगह ही घुलमिल कर सीखा और मिशन्स किए। दोनों पक्षों में दोस्ती भी बढ़ी है।
उल्लेखनीय है कि जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर चल रहे भारत व रूस की वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास में दोनों देशों के वायुसैनिक हिस्सा ले रहे हैं। 21 दिसम्बर तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर की सहायता से दोनों देशों की सेना आतंकवादी विरोधी गतिविधियों पर एक दूसरे के साथ समझ विकसित करने, रेसक्यू ऑपरेशन में एक दूसरे के साथ समझ विकसित करने और टेक्टिकल फ्लाइंग ऑपरेशन का अभ्यास कर रही है। इस दौरान फायरिंग रेंज में भी अभ्यास किया जा चुका है। भारत और रूस की वायुसेना के बीच इस तरह के अभ्यास की शुरुआत 2014 में हुई थी। यह दूसरा अभ्यास है। यह दो फेज में होता है। इसका एक-एक फेज दोनों देशों में होता है। एविइंद्रा-2018 का पहला फेज दो महीने पहले 17 से 28 सितम्बर को रूस के लिपेटस्क में हुआ था तब भारतीय वायुसेना का तीस सदस्यीय दल रूस गया था।
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