कोर्ट ने तीन सप्ताह में प्रत्येक वाणिज्यिक अदालत के लिए एक-एक चालक का पद स्वीकृत करने पर भी विचार करने को कहा है। अगली सुनवाई 28 अगस्त को मुकर्रर की गई है। वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश विनितकुमार माथुर की खंडपीठ में राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (rajasthan highcourt advocates asso.) की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह ने बताया कि सरकार ने कोर्ट के 31 मई को दिए गए दिशा-निर्देशों की पालना की रिपोर्ट पेश की है।
शाह ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने राज्य की वाणिज्यिक अदालतों के लिए कुल 80 पद स्वीकृत किए हैं। जिला जज कैडर की संख्या में भी हाईकोर्ट के प्रस्ताव के अनुसार नियमों में संशोधित किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस बात के लिए सहमत हैं कि जैसे-जैसे वाणिज्यिक अदालतों (commercial courts) में लंबित मामलों की संख्या बढ़ेगी, वैसे ही अपेक्षित स्टाफ की स्वीकृति दे दी जाएगी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जयपुर स्थित वन भवन को हस्तांतरित करने का निर्णय अंतिम दौर में है और जल्दी ही इसे रालसा और वाणिज्यिक अदालतें संचालित करने के लिए हस्तांतरित कर दिया जाएगा। कोर्ट ने यह निर्णय शीघ्रातिशीघ्र करने के निर्देश दिए हैं।
सुनवाई के दौरान शाह ने कोर्ट को मानचित्र के आधार पर कोटा में वर्तमान अदालत परिसर की स्थिति और नए अदालत परिसर व वाणिज्यिक अदालत के लिए उपयुक्त भूमि के विकल्प बताए। कोर्ट ने सभी पहलुओं पर विचार विमर्श करने के बाद राज्य सरकार को हाईकोर्ट व कोटा जिला जज के साथ चर्चा के बाद छह सप्ताह में उपयुक्त निर्णय लेने के निर्देश दिए।