उल्लेखनीय है कि खंडपीठ ने पीपीपी मोड पर दिए गए स्वास्थ्य केंद्रों के निरीक्षण के लिए जिले वार कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे। इनमें जिला विधिक सहायता प्राधिकरण के सचिव सहित एक अनुभवी चिकित्साकर्मी को भी सम्मिलित करने को कहा गया था। कमेटी को रिपोर्ट बनाते समय प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव की संख्या, बाह्य रोगियों की जांच, स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध दवाइयां, स्वास्थ्य जांच के प्रकार, टीकाकरण के आंकड़े, साफ सफाई, मेडिकल स्टाफ की योग्यता आदि मापदंडों का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए थे।