इसरो ने पायलट प्रोजेक्ट के लिए डाक विभाग के जोधपुर प्रभाग को चुना था। जोधपुर में इसकी सफलता के बाद इसे पूरे देश के करीब एक लाख 55 हजार डाकघरों में इसे लागू करना था। क्योंकि मोबाइल एप्प एग्रो के जरिए बनने वाली फसलों की रियल टाइम रिपोर्ट से नुकसान की सैटेलाइट इमेज सामने आती। इसमें खराबा कहां, कैसे और कितने हैक्टेयर में हुआ है सब स्पष्ट होता। लेकिन नुकसान की भरपाई करने वाली बीमा कंपनियों ने अभी तक कोई रुचि नहीं दिखाई है। इस वजह से यह प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही ठप हो गया है।
हमने इस प्रोजेक्ट से संबंधित मेपिंग कर भुवन पर अपलोड कर दी है। इसकी रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी है। इस संबंध में बीमा कंपनियों की तरफ से हमारे पास अभी कोई प्रस्ताव नहीं आया है। ये हमारा लोकल आइडिया थाए इस संबंध में सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन नहीं थी।
– केके यादव, निदेशक, डाक सेवाएं, राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र जोधपुर इस दिशा में काम होगा
हम इस तरह जितने भी प्रोजेक्ट हैं, उस दिशा में काम कर रहे हैं।अभी मुझे इस प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी नहीं है। इसलिए पूरी जानकारी लेकर मैं आगे कुछ बता पाऊंगा।
– गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री