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लो अब इसरो के घर में ही ढेर हुआ ये प्रोजेक्ट, बीमा कंपनियों ने भी झटके हाथ

locationजोधपुरPublished: Oct 07, 2017 04:42:05 pm

Submitted by:

Devendra Bhati

इसरो, के साथ जो लोकल आइडिया पर शेयर किया था वह ठंडे बस्ते में चला गया है

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बासनी/जोधपुर. अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से खड़ी फसलों को होने वाले नुकसान की रियल टाइम रिपोर्ट जानना और उससे बीमा क्लेम उठाना किसानों के लिए महज एक ख्वाब बन कर रह गया है। क्योंकि इसके लिए डाक विभाग ने पिछले साल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो, के साथ जो लोकल आइडिया पर शेयर किया था वह ठंडे बस्ते में चला गया है। सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन या निर्देश न होने से इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की समय सीमा भी निर्धारित नहीं है।
अनियमित बारिश से खेतों में हुए नुकसान की सही जानकारी के लिए पिछले साल डाक विभाग और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों के लोकल आइडिया पर इसरो ने डाक विभाग को मोबाइल एप्प एग्रो बनाकर दिया। इसके जरिए डाकियों को फसलों की फोटो भुवन पंचायत पोर्टल पर अपलोड करना था ताकि इस एक प्लेटफॉर्म पर किसान, इसरो वैज्ञानिक, बीमा कंपनियां देख सकें। इसके लिए पिछले साल जोधपुरजैसलमेर के 26 उप डाकपालों को प्रशिक्षण भी दिया। उसके बाद डाक विभाग की ओर से भुवन पोर्टल पर इस पायलट प्रोजेक्ट से संबंधित पोस्ट ऑफिस व उप डाकपालों के क्षेत्र की मेपिंग कर इतिश्री कर ली लेकिन आगे इस प्रोजेक्ट को धरातल पर लागू करने के लिए बीमा कंपनियों को कोई प्रस्ताव नहीं दिया।
ये था पायलट प्रोजेक्ट


इसरो ने पायलट प्रोजेक्ट के लिए डाक विभाग के जोधपुर प्रभाग को चुना था। जोधपुर में इसकी सफलता के बाद इसे पूरे देश के करीब एक लाख 55 हजार डाकघरों में इसे लागू करना था। क्योंकि मोबाइल एप्प एग्रो के जरिए बनने वाली फसलों की रियल टाइम रिपोर्ट से नुकसान की सैटेलाइट इमेज सामने आती। इसमें खराबा कहां, कैसे और कितने हैक्टेयर में हुआ है सब स्पष्ट होता। लेकिन नुकसान की भरपाई करने वाली बीमा कंपनियों ने अभी तक कोई रुचि नहीं दिखाई है। इस वजह से यह प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही ठप हो गया है।
इसलिए नहीं है समय सीमा


हमने इस प्रोजेक्ट से संबंधित मेपिंग कर भुवन पर अपलोड कर दी है। इसकी रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी है। इस संबंध में बीमा कंपनियों की तरफ से हमारे पास अभी कोई प्रस्ताव नहीं आया है। ये हमारा लोकल आइडिया थाए इस संबंध में सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन नहीं थी।

– केके यादव, निदेशक, डाक सेवाएं, राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र जोधपुर

इस दिशा में काम होगा


हम इस तरह जितने भी प्रोजेक्ट हैं, उस दिशा में काम कर रहे हैं।अभी मुझे इस प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी नहीं है। इसलिए पूरी जानकारी लेकर मैं आगे कुछ बता पाऊंगा।

– गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री

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