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जल शक्ति मंत्री बनने के बाद gajendra singh shekhawat का इंटरव्यू : टीम इंडिया की तरह काम करेंगे

locationजोधपुरPublished: Jun 17, 2019 09:02:41 pm

Submitted by:

Avinash Kewaliya

गंगा नदी ही नहीं पूरा बेसिन होगा नमामि गंगे में शामिल, दो साल बाद परिणाम नजर आने लगेंगे
इंटरव्यू : गजेन्द्रसिंह शेखावत, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री
 

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Gajendra Singh Shekhawat

राज्य मंत्री से केबिनेट मंत्री पद पर पदोन्नत हुए गजेन्द्रसिंह शेखावत मोदी सरकार 2.0 में जल शक्ति मंत्रालय संभाल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह ड्रीम मंत्रालय भी कहा जाता है। चुनावी वादे के रूप में इस मंत्रालय के गठन की घोषणा की और शपथ लेते ही गठन हुआ। इसकी कमान संभालने के बाद पहली बार जोधपुर आए मंत्री शेखावत ने अविनाश केवलिया से अपने विजन को कुछ इस तरह साझा किया…।
सवाल – मोदी सरकार 2.0 में आप पर विश्वास और जिम्मेदारी बढ़ी है। इसे किस रूप में देखते हैं?
जवाब – मेरे काम और जोधपुर की जनता की शक्ति पर विश्वास करते हुए मोदीजी ने दूसरा मौका दिया। मैं अभिनन्दन करता हूं और आभार ज्ञापित करता हूं। इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए सब लोगों से सहयोग की अपेक्षा है। जिम्मेदारी निश्चित रूप से बड़ी है। जो दायित्व का बोझ मेरे कंधों पर है, यदि मेरे कार्यकर्ता व समर्थक अपने कंधे पर उठा लेंगे तो मुझे शक्ति मिलेगी।
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सवाल – हर सरकार के लिए पानी बड़ा मुद्दा रहा है, इस पर लक्ष्य भी इस बार सरकार ने रखा है। क्या यह प्रमुख प्राथमिकता रहेगी?

जवाब – प्रत्येक घर तक पीने का पानी पहुंचे यह हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है और यही हमारी सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता भी है। ‘हर घर में नल से जल’ इस पर हम काम करेंगे। राजस्थान ही नहीं देश के अलग-अलग कौने के जल संकट का समाधान करने के लिए पूरी ताकत के साथ प्रयास करेंगे। हमने कहा कि पीने का पानी एक तय समय सीमा में हर घर तक पहुंचे। निश्चित रूप से इस संकल्प को पूरा करेंगे।
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सवाल – आपने मंत्रालय के कामकाज की क्या प्राथमिकताएं तय की हैं?
जवाब – बहुत बड़ा मंत्रालय है, दो-तीन मंत्रालयों का इंटीग्रेशन हुआ है। अभी कुछ विषय को समझने के लिए विस्तार से चर्चा की है। 100 दिन की कार्ययोजना बनाई है। जल्द ही काम को गति देंगे। हमारी एक प्राथमिकता में एक्वीफर रिचार्ज (भूजल रिचार्ज) भी शामिल है।
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सवाल – नमामि गंगे प्रोजेक्ट या गंगा संरक्षण जिस पर पूरे देश की नजरे हैं, उस पर कितना और कैसे काम होगा?
जवाब – नमामि गंगे प्रोजेक्ट में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अनट्रीटेड पानी को गंगा नदी में मिलने से रोकने के लिए 298 परियोजनाएं ली गई थी। इसमें 98 प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। इस साल के अंत तक 13 प्रोजेक्ट और पूरे होंगे। अगले दो साल में बदलाव नजर आएगा। पहले सिर्फ गंगा नदी की ही सफाई इस प्रोजेक्ट में शामिल थी, लेकिन अब गंगा बेसिन की सफाई होगी, जिसमें सहायक नदियां भी शामिल हैं।
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सवाल – नदियों को जोडऩे का सपना भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार ने देखा था। इस पर कैसे काम करेंगे?
जवाब – इसके अपने चैलेंज है। संविधान प्रदत्त व्यवस्था में पानी स्टेट सब्जेक्ट है। केनाल इंटीग्रेशन के लिए लैंड प्रदेशों की सरकार के जरिए ही अधिगृहित की जाती है। फिलहाल प्रदेश की सरकारें इसमें रुचि नहीं दिखा रही है। लेकिन प्रयास करेंगे सब को एक प्लेटफार्म पर लाकर सकारात्मक काम करें।
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सवाल – जल संधि से अधिक जो पानी पाकिस्तान जा रहा है, उसको रोकने की मांग लम्बे समय से उठ रही है?
जवाब – भारत-पाकिस्तान में तीन युद्ध होने के बाद भी जल संधि पर आंच नहीं आई। तीन नदियों का पानी हमारे यहां आता है, तीन नदियों का पाकिस्तान में जाता है। बारिश का पानी जो अधिक मात्रा में बहकर पाकिस्तान जाता है उसे रोकने की बात है। उसके लिए भी काम कर रहे हैं। 100 दिन की कार्ययोजना में उसे शामिल किया है।
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सवाल – आप खुद भी खेती से जुड़े रहे हैं, किसानों को नहरों की सिंचाई के लिए पानी की उम्मीद है, इसे कैसे पूरा करेंगे?

जवाब – यह भी हमारे मंत्रालय की महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना में 99 प्रोजेक्ट लिए थे। 37 प्रोजेक्ट पूरे हो गए। 13 इस साल पूरे हो जाएंगे। 49 बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट भी जल्द पूरे होंगे। इसके बाद देश में 60 लाख हैक्टेयर सिंचाई क्षेत्र बढ़ जाएगा।
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सवाल – राजस्थान और मारवाड़ के पेयजल प्रोजेक्ट को लेकर क्या कर सकते हैं? जिन प्रदेशों में कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां विकास की गति प्रभावित होगी?
जवाब – पेयजल के लिए कोई प्रोजेक्ट बना कर राजस्थान की सरकार पहल करती है तो हम निश्चित रूप से उनका सहयोग करेंगे। विकास कार्यों में कोई भेदभाव नहीं होगा। पहली बार जब मोदी सरकार बनी थी तो मोदीजी ने कहा था कि हम ‘कॉपरेटिव फेडरलिज्म’ की अवधारणा पर काम करेंगे। चाहे सिंचाई या रेलवे की परियोजना हो, हमारी सरकार ने काम शुरू करने से पहले यह नहीं देखा कि वहां सरकार या सांसद कौन है। देश को कैसे प्रोडक्टिव बनाया जा सकता है, उस पर काम करेंगे। ‘टीम इंडिया’ की तरह काम करना चाहते हैं।

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