जोधपुर। जम्मू-कश्मीर की शान माने जाने वाली सेब अब मारवाड़ में भी पैदा होगी। जम्मू कश्मीर की सुर्ख लाल व मीठे सेब का अब मारवाड़ में पैदा होने का सपना सच होगा। जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के नवाचार व प्रगतिशील किसानों के प्रयासों से पश्चिमी राजस्थान में जम्मू कश्मीर की समर एप्पल नाम से मशहूर किस्म एचआरएमएन-99 सेब पैदा होगी। विवि के अधीन जोधपुर, बाड़मेर, पाली, जालोर, सिरोही व नागौर में यह किस्म उगाई जाएगी। कृषि विवि के वैज्ञानिकों का एक दल जम्मू में इस किस्म का अध्ययन व फसल परिणाम देखने के बाद करीब 1 हजार पौधें लेकर आया है। विवि के अधीन छह जिलों में इस किस्म की सेब की पैदावार होगी। इस किस्म का पौधा पश्चिमी राजस्थान में नवाचार के रूप मे लगभग 10 हेक्टेयर में 4 गुणा 3 मीटर की दूरी में लगाई गया है। —- इन स्थानों पर लगाए गए पौधें – कृषि विज्ञान केन्द्र- गुडामालानी, सिरोही, मौलासर, अठियासन, फ लोदी व केशवाना । – कृषि अनुसंधान केन्द्र- मंडोर-जोधपुर, केशवाना-जालोर व उप केन्द्रों पर। – कृषि महाविद्यालय- नागौर व सुमेरपुर। — दो बार सिंचाई की जरुरत अगले वर्ष मई-जून में फ ल का उत्पादन शुरू होगा। सामान्य पानी मे पनपने वाले इस पौधे को सर्दी में प्रति सप्ताह एक बार तथा गर्मी में दो बार पानी की जरुरत रहती है। साथ ही यह पौधा लगभग 44-45 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सहन करने की क्षमता रखता है। पहले वर्ष प्रति पौधा 7-8 किलो तथा बड़े होने पर अधिकतम 40-50 किलो पैदावार देता है। 25 वर्ष तक खड़ा रहने वाला यह पौधा क्षेत्र की जलवायु के अनुकूल है। — वर्तमान मे कृषि विवि के अधीन सभी केन्द्रों के साथ विभिन्न प्रगतिशील किसानों के यहां पर अच्छी तरह से यह पौधा पनप रहा है व इनमे फुटान भी अच्छी अवस्था में हो रहा है। मई-जून तक पहली पैदावार होगी। डॉ बीआर चौधरी, कुलपति कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर —- पारम्परिक खेती से हटकर यह एक अलग नवाचार है। कृषि विवि की ओर से लाए सेब की नई किस्म पौधें लगाए है। कोपलें निकली है और समयानुसार ये अच्छी तरह से पनपेंगे। जयनारायण सांखला, प्रगतिशील किसान
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